जयपुर। श्रम विभाग के तहत गठित भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत विभाग के पोर्टल पर प्राप्त आवेदनकर्ताओं की जांच व सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग के पोर्टल शाला दर्पण से जोड़ा गया जिससे की फर्जी अंक तालिका व प्रमाण पत्रो के आधार पर योजनाओं में आवेदन करने वालों पर रोक लगेगी और पात्र लाभार्थी को योजनाओं का समय पर लाभ मिल सकेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्रम विभाग के सचिव नवीन जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा संचालित योजना जैसे प्रसूति सहायता, श्रमिक स्वास्थ्य बीमा, सिलिकोसिस पीड़ित हितकारी, श्रमिक सुलभ्य आवास योजना, सामान्य दुर्घटना में मृत्यु व घायल की दिशा में सहायता श्रमिक शिक्षा कौशल योजना अदि श्रम विभाग के द्वारा संचालित की जा रही है। ताकि प्रदेश पात्र परिवार को लाभ मिले।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम 2 बच्चों को कक्षा 6 उत्तीर्ण करने से निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल सहायता योजना के अन्तर्गत सहायता देय है, जिसमें 8000 रुपये तक की सहायता देय है। कई स्कूलों एवं निर्माण श्रमिकों द्वारा जाली अंकतालिकाओं तथा प्रमाणपत्र के माध्यम से सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन किये जा रहे हैं, जिनकी जांच एवं सत्यापन के लिए विभागीय पोर्टल ”एलडीएमएस” को शिक्षा विभाग के पोर्टल “शाला दर्पण” से जोड़ा गया है।
जैन ने बताया कि जाली दस्तावेज अथवा ठेकेदार का विवरण, योजनाओं के लिए अनिवार्य दस्तावेज आदि यदि जाली प्रस्तुत किये गये तो योजना का आवेदन निरस्त कर निर्माण श्रमिक का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जायेगी।
उन्होंने विभाग के समस्त अधिकारियों को निर्देश जारी किये है कि वास्तविक निर्माण श्रमिक को विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा पहुंचे इसके लिए विभाग में प्राप्त होने आवेदनों को अच्छी तरह से जांच कर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
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