जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य में 1
जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों पर लागू प्रतिबंध को सख्ती
से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मण्डल तथा उद्योग
विभाग सबसे पहले इन प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के सामानों का उत्पादन
बंद करना सुनिश्चित करें, तभी इनके उपयोग को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जा
सकेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि उल्लंघन करने वाले सभी विनिर्माताओं,
आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों और विक्रेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य
सचिव राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए
कार्य योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा
कि प्रतिबंध को अमल में लाने के लिए अभियान चलाया जाए और आम जन को जागरूक
करने के लिए व्यापक प्रचार- प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को
इस अभियान से जोड़कर ही इसे पूरी तरह सफल बनाया जा सकता है।
श्रीमती
शर्मा ने कहा कि पर्यावरण विभाग, स्वायत्त्त शासन विभाग, राजस्थान राज्य
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल तथा उद्योग विभाग आपसी समन्वय से इस प्रतिबंध को
सफलता से लागू करें। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को
रोकने के लिए सख्ती के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि लोग इससे पर्यावरण को
होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक हों तथा स्वतः प्रेरणा से इसका इस्तेमाल
बंद करें। मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध के बाद ही प्लास्टिक के
विकल्पों के उपयोग बढ़ावा मिलेगा तथा और भी बेहतर विकल्प सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि बहुत से स्टार्टअप्स इस दिशा में काम भी कर रहे हैं,
उन्हें भी प्रोत्साहन मिलेगा। वन
विभाग सचिव श्री बी प्रवीण ने प्रतिबंध लागू करने के लिए कार्ययोजना के
बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय स्पेशल
टास्क फोर्स तथा जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स का
गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट
सैल का गठन भी कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि निर्माताओं, विक्रेताओं
और स्टॉक धारियों की शिकायत के लिए एक टोल फ्री नम्बर की सुविधा भी दी गई
है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे के निपटान तथा दूसरे राज्यों से
प्लास्टिक और प्लास्टिक वेस्ट के आवागमन पर रोक के लिए तैयारियों के बारे
में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यापक प्रचार-प्रसार के जरिये आम-जन
को जागरूक भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वायत्त्त शासन विभाग,
परिवहन विभाग, उद्योग विभाग, रीको, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, गृह विभाग,
राजस्व विभाग तथा वन विभाग से अधिकारियों को प्रतिबंधित वस्तुओं को जब्त
करने तथा नियमानुसार जुर्माना वसूलने के लिए अधिकृत किया गया है और वसूल की
जा सकने वाली जुर्माना राशि भी तय कर दी गयी है।
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