-शिक्षा संकुल में पुरस्कृत शिक्षक फोरम, राजस्थान और शिक्षा विभाग के तत्वावधान में भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित
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जयपुर। शिक्षा संकुल स्थित स्कूल शिक्षा परिषद सभागार में बुधवार को पुरस्कृत शिक्षक फोरम, राजस्थान और शिक्षा विभाग के तत्वावधान में भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने की। 'राजकीय विद्यालयों के विकास में भामाशाह और प्रेरक शिक्षक' विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार में जिला एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत राजकीय विद्यालयों के प्रेरक शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान राज्य की शिक्षा में गुणवत्ता पर भी चर्चा हुई।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मौके पर शिक्षकों को "अनुभव का भंडार" बताते हुए उनके प्रेरक योगदान की सराहना की। उन्होंने शिक्षकों से आगामी पीढ़ी को प्रेरित करने और कमजोर व अभावग्रस्त क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने की अपील की। शिक्षा मंत्री ने शिक्षक समाज की भूमिका और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर राइजिंग राजस्थान समिट 2024 के तहत तीन एमओयू भी साइन किए गए। इससे पहले पुरस्कृत शिक्षक फोरम, राजस्थान के महासचिव रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने शिक्षा मंत्री को साफा और स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अनुभव का भंडार हैं शिक्षक
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप प्रज्वलन करके की। उन्होंने विद्यार्थियों के समग्र विकास में शिक्षक की भूमिका को अहम बताया। मंत्री दिलावर ने कहा कि राजकीय विद्यालयों में शिक्षक न केवल ज्ञान का प्रसार कर रहे हैं, बल्कि प्रेरक बनकर जनसहयोग द्वारा शिक्षा के आधारभूत स्तंभ भी बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ राजस्थान बनाने के लिए श्रेष्ठ शिक्षा, श्रेष्ठ विद्यार्थी और श्रेष्ठ इंसान बनाना जरूरी है। इसके लिए अपने आपको गलाना पड़ता है, जलाना पड़ता है, प्रकाशवान होना पड़ता है, तभी एक सच्चे और श्रेष्ठ का शिक्षक का उदय होता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक शिक्षक अनुभव का भंडार है और उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
आगामी पीढ़ी को प्रेरित करना जरूरी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षकों को अपनी आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने की आवश्यकता है। इसके लिए 40 की उम्र के बाद शिक्षकों को स्वयं आकर प्रदेश की शिक्षा देश की श्रेष्ठ शिक्षा बनाने पर प्रयास करना चाहिए। अपनी श्रेष्ठता का लाभ कमजोर बच्चों एवं अभावग्रस्त विद्यालयों में देकर ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि शिक्षा का मतलब है दिशा देने वाला, संस्कार देने वाला, जागृति लाने वाला और ये सभी गुण एक शिक्षक में मौजूद हैं।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों के जीवन में दिशा, संस्कार और जागरूकता का संचार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल शिक्षकों का सम्मान है, बल्कि शिक्षा की श्रेष्ठता, भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत और समग्र विकास की दिशा में एक कदम साबित होगा।
16 से अधिक शिक्षक हुए सम्मानित
राजकीय विद्यालयों में विकास के लिए 15 लाख रुपए से अधिक राशि भामाशाहों के जरिए लाने वाले प्रेरक शिक्षकों का सेमिनार में सम्मान किया गया। शिक्षा मंत्री दिलावर ने शॉल ओढ़ाकर और समृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया एवं शिक्षकों का हौसला बढ़ाया। सेमिनार में 16 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षा मंत्री ने पुरस्कृत शिक्षक फोरम, राजस्थान द्वारा इस तरह के आयोजन पर खुशी जताते हुए सम्मानित लोगों में स्वयं को सम्मानित करने पर आभार जताया।
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