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जयपुर। वाणिज्य कर विभाग ने डमी फर्मों के माध्यम से पुरानी कारों की खरीद-बिक्री का फर्जी बाजार बनाकर करोड़ों रुपए की कर चोरी के आरोप में राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। अग्रवाल पर फर्जी बिलों के जरिए गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने और दूसरों को पास करने का आरोप है।
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उन्होंने अपनी फर्म में काम करने वाले जरूरतमंद लोगों को लोन का लालच देकर उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड का दुरुपयोग करके डमी फर्में बनाईं। अग्रवाल इन डमी फर्मों के खातों का संचालन भी खुद ही करते थे।
जांच के अनुसार, अग्रवाल ने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य डमी फर्मों के माध्यम से लगभग 86 करोड़ रुपये के फर्जी बिल प्राप्त किए और 15.54 करोड़ रुपये का गलत आईटीसी दावा किया। बाद में, उन्होंने लगभग 92 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के माध्यम से 16.65 करोड़ रुपये की कर राशि को भी पास किया।
मुख्य आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित के आदेश पर, विशेष आयुक्त जयदेव सी.एस. के मार्गदर्शन में और अतिरिक्त आयुक्त शिशुपाल सिंह के पर्यवेक्षण में, संयुक्त आयुक्त छवि कुंतल के नेतृत्व में सहायक आयुक्त हिमांशु शर्मा ने 25 मार्च को अग्रवाल को गिरफ्तार किया। जांच में करोड़ों रुपये के राजस्व नुकसान का खुलासा होने की संभावना है। -खासखबर नेटवर्क
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