जयपुर। राज्य सरकार ने सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल से कड़ाई से निबटने का फैसला किया है। इसकी तैयारी भी शुरू दी गई है। सरकार ने अब हड़ताली डाक्टर्स को निलंबन या सेवामुक्ति करने की चेतावनी दे दी है। इसके बाद हड़ताली डाक्टर्स की गिरफ्तारी की जाएगी। प्रदेश
के सभी जिलों में चिकित्सा सुविधाओं को नियमित बनाये रखने के लिए जिला
कलेक्टर्स को वाॅक इन इन्टरव्यु के माध्यम से 56 हजार रूपये मासिक मानदेय
पर चिकित्सा अधिकारी लगाने के निर्देश दे दिये गये हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश में सेवारत चिकित्सक संघ के 8 हजार चिकित्सकों के इस्तीफे
के दावे के बावजूद अब तक राज्य सरकार को कोई भी विधिवत इस्तीफा प्राप्त
नहीं हुआ है। यहाॅ तक की सेवारत चिकित्सा संघ के अध्यक्ष व पदाधिकारियों ने
भी कोई इस्तीफा नहीं दिया है।
उप
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पारस चन्द जैन ने बताया कि
राजस्थान सेवा नियमों में सामूहिक अवकाश या सामूहिक त्याग-पत्र दिये जाने
का कोई नियम नहीं है। कर्तव्य से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों को
स्वेच्छा पूर्वक अनुपस्थित मानकर राजस्थान सेवा नियमों के तहत निलम्बन अथवा
सेवा मुक्ति आदि की कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है।
राज्य
सरकार के गृह विभाग ने पूर्व से ही चिकित्सा सेवाओं के संबंध में रेस्मा
के अन्तर्गत आदेष जारी कर दिये हैं। इन आदेशो के अनुसार अनुपस्थित रहने
वाले चिकित्सकों के विरूद्ध रेस्मा एक्ट के अन्तर्गत कडी कार्यवाही की
जायेगी। इसमें तुरन्त गिरफ्तारी भी की जा सकती है। इस संबंध में पुलिस व
जेल प्रशासन को तैयार रहने के निर्देश दे दिये गये हैं।
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