जयपुर । लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजस्थान में इस बार बड़ा दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा ने राजस्थान से मौजूदा सांसदों में दो सांसदों के टिकट काटे है और 15 को रिपीट किया है। झुंझुनूं से संतोष अहलावत और बांसवाड़ा से मौजूदा सांसद मानशंकर निनामा को मौका नहीं देकर नए चेहरों को टिकट दिया गया है। वहीं अजमेर और अलवर में भी वहां भाजपा सांसदों के निधन कारण नए चेहरों को मौका दिया गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच अभी 25 में से 14 सीटों पर तस्वीर साफ हो चुकी है। अब प्रदेश की 6 हॉट सीटों पर कड़ा संघर्ष देखने को मिलेगा और 14 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर रहेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सबसे पहले अगर राजधानी जयपुर की बात करें, तो जयपुर शहर से मौजूदा भाजपा सांसद रामचरण बोहरा पिछले बार रिकॉर्ड 5 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे। इनके सामने कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल को मौका दिया है। यहां पर वैश्य समुदाय और ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशी आमने-सामने है। लेकिन इस बार रामचरण बोहरा को आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल जैसे विधानसभा क्षेत्रों से वोट कम मिलने की संभावना है। यहां पर कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और आदर्शनगर से भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद बात करें जोधपुर की तो, यहां पर सीएम पुत्र वैभव गहलोत के कांग्रेस पार्टी से चुनाव में खड़े होने से मामला रोचक हो गया है। वैभव गहलोत की सीधी टक्कर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। यहां पर सीएम अशोक गहलोत की खुद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
अलवर लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह मैदान है। हालांकि लोकसभा उपचुनाव में यहां कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी डॉ. करण सिंह यादव की रिकॉर्ड 3 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज हुई थी। भंवर जितेंद्र सिंह का इस बार भाजपा के बालकनाथ से मुकाबला है। सीकर लोकसभा सीट क बात करें तो पूर्व सांसद सुभाष महरिया जो भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए है उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है। महरिया इस सीट पर वर्ष 2009 में भाजपा से चुनाव जीत चुके है। लेकिन वर्ष 2014 में महरिया का टिकट कट गया था और समुेधानंद को भाजपा ने टिकट दिया था। यहां पर महरिया का सीधा मुकाबाला भाजपा के सुमेधानंद के साथ है। अगर बीकानेर लोकसभाक्षेत्र की बात करें, तो इस बार यहां से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को देवीसिंह भाटी की नाराजगी का खामियाजा उठाना पड़ सकता है। भाजपा के अर्जुनराम मेघवाल का सीधा मुकाबला इस बार कांग्रेस में शामिल होने वाली रिटायर्ड आईपीएस मदनगोपाल मेघवाल से है।
प्रदेश की पाली लोकसभा सीट से भारी विरोध के बावजूद केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी पर भाजपा ने फिर से विश्वास जताया है। लेकिन इस बार कांग्रेस के कद्दावर नेता बद्री जाखड़ से सीधा मुकाबला है। अगर अब बांसवाड़ा की बात करें तो यह सीट इस बार भाजपा, कांग्रेस और बीटीपी के त्रिकोणीय संघर्ष में फंस सकती है। भाजपा ने यहां के कनकमल कटारा को चुनाव मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने यहां ताराचंद भगौरा को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन इन दोनों के साथ ही भारतीय ट्राइबल पार्टी भी बहुत बड़ा फैक्टर है।
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