जयपुर। तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सूचना एवं जनसम्पर्क राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने सूचना क्रांति को मार्ग दिखाया था, आज हिन्दी को आगे बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान सूचना क्रांति के कारण आए बदलाव का ही है। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषी राज्यों में सभी राज कार्य एवं आवश्यक पत्रचार हिन्दी में ही करने पर बल देना होगा। हम एक दिन ही हिन्दी दिवस मनाने के बजाय हर दिवस हिन्दी दिवस मानते हुए कार्य करें तो हिन्दी को वह स्थान अवश्य प्राप्त होगा जिसकी वह हकदार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यमंत्री डॉ. गर्ग राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह के अवसर पर शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में उपस्थित हिन्दीप्रेमियों को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. गर्ग ने सुझाव दिया कि भाषा एवं पुस्तकालय विभाग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में अध्ययन करने आने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए अपने पुस्तकालयों में पत्र पत्रिकाओं से सुसज्जित बड़े अध्ययन कक्ष बनवाए जहां वे शांति से बैठकर अपनी पढ़ाई कर सकें और अपना भविष्य निर्माण कर सकें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भरतपुर में ऎसा अध्ययन हॉल बनवाने की घोषणा कर चुके हैं।
हिंदी में सबको साथ लेकर अविरल बहने की क्षमता- राज्यमंत्री यादव
आयोजना यश्रमशक्तिद्धए स्टेट मोटर गैराजए भाषा एवं पुस्तकालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि हिंदी दिवस राजभाषा के प्रति समर्पण एवं निष्ठा प्रकट करने का ही दिन नहीं बल्कि राष्ट्रभाषा एवं संकल्प भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए संकल्प लेने का दिन है। उन्होंने हिंदी को एकता और स्वतंत्रता की भाषा बताते हुए कहा कि हिंदी भाषा में अन्य भाषाओं के साथ समन्वय बना कर अविरल बहते रहने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर सार्वजनिक पुस्तकालयों में गांधी कॉर्नर बनाए गए हैं, ताकि आमजन गांधीजी के विचारों को पढ़कर उनसे प्रेरणा ले सके।
भाषा एवं पुस्तकालय विभाग बनाएगा अध्ययन हॉल
यादव ने राज्यमंत्री डॉ. गर्ग के सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की ओर से इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उदयपुर नाथद्वारा डूंगरपुर, अलवर में विद्यार्थियों के लिए अध्ययन हॉल बनाने की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम इस काम को जिला स्तर पर ही नहीं बल्कि समाज का सहयोग लेते हुए ब्लॉक स्तर तक लेकर जाएंगे।
तकनीकी बाधाएं पीछे छोड़ हिन्दी बनी सोशल मीडिया की भाषा- डॉ. अग्रवाल
प्रख्यात साहित्यकार एवं समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय संविधान सभा ने लिया था, तब से हिन्दी भाषा ने उन्नति के अनेक सोपान चढ़े हैं और हिन्दी विश्व की अन्य लोकप्रिय भाषाओं के साथ पूरे गर्व से आगे बढ़ रही है। हिन्दी बोलने वालों की संख्या, विशेषकर दक्षिण भारतीय राज्यो में भी, बढ़ रही है जो हिन्दी भाषा के सुखद भविष्य का संकेत है।
उन्होंने साहित्य को भाषा का चेहरा बताते हुए कहा कि आज कथा, कहानी, उपन्यास, कविताओं के अतिरिक्त कथ्येतर यानी नोन फिक्शन लेखन भी हिन्दी में खूब हो रहा है। दलित, वंचित वर्ग और स्ति्रयों की कलम से बहुत अच्छी साहित्य रचना हो रही है। उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग के कारण आज फोन्ट और की बोर्ड की बाधा दूर हुई है, जिससे आज हिन्दी सोशल मीडिया की भाषा भी बन चुकी है। फेसबुक, ब्लॉग आदि न, लेखकों को अभिव्यक्ति का मंच मुहैया करा रहे हैं, जहां से वे दुनिया भर में सराहे जा रहे हैं और पहचान बना रहे हैं।
इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ.आर. वेंकटेश्वरण ने मातृभाषा के महत्व, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक प्रयासों, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के निदेशक विष्णु गोयल ने भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की उपलब्धियों एवं प्रगति के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किए।
तलवार हिन्दी सेवा पुरस्कार से सम्मानित
समारोह में प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार ईशमधु तलवार को अपनी पुस्तक लाल बजरी की सड़क के लिए हिन्दी साहित्य श्रेणी में तथा कृष्ण कुमार यादव एवं डॉ. (श्रीमती) राजेश यादव को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एवं आपदा प्रबन्धन पर संयुक्त लेखन के लिए तकनीकी श्रेणी में हिन्दी सेवा पुरस्कार.2019 से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार में 51 हजार रूपए की राशि, शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र देकर विद्वानों को सम्मानित किया जाता है।
इस अवसर पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा में एच्छिक एवं अनिवार्य हिन्दी विषयों में शत.प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले प्रदेशभर के 221 विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
आशुलिपि प्रशिक्षण के क्षेत्र में मनीष कुमार एवं सुनैना कुमारी को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में भाषा एवं पुस्तकालय विभाग पर आधारित एक वृत्तचित्र एवं भाषा परिचय पत्रिका के हिन्दी विशेषांक का विमोचन भी किया गया। कानोड़िया महिला महाविद्यालय की छात्रओं ने सरस्वती वंदना और भजन की प्रस्तुति दी।
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