जयपुर। गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में जल्द ही गो संरक्षण से जुड़े संगठनों एवं संस्थाओं का राज्य स्तरीय सम्मेलन बुलाकर उनके अनुभवों के आधार पर गो संरक्षण की एक नीति का निर्माण किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाया सदन मेें प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस सम्बन्ध में पूछे गए प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में गोवंश के संरक्षण को लेकर चिंतित है। क्योंकि यह किसान, आमजन और गोवंश की देखभाल से जुड़ा मामला है। भीलवाड़ा में इसी माह 26 जनवरी को ही एक गोशाला का शुभारम्भ किया जाएगा।
गोपालन मंत्री ने इससे पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया के मूल प्रश्न के जवाब में कहा कि उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं को शहरी क्षेत्र में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 247-248 में तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतीराज नियम, 1996 के नियम 115 से 131 में निहित प्रावधानों के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत पकड़ कर कॉजी हाउस मे रखे जाने का प्रावधान है।
प्रदेश में आवारा नर गोवंश हेतु प्रत्येक जिले में एक नन्दी गोशाला खोली जाना प्रस्तावित है, इस हेतु नंदी गोशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत आधारभूत संरचनाओं के निर्माण हेतु 90 रू 10 के अनुपात में अधिकतम 50.00 लाख रू. तक की राशि दिए जाने का प्रावधान है एवं गोशालाओं में निराश्रित गोवंश को गोसंरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम, 2016 के अंतर्गत राजकीय सहायता प्राप्त करने वाली गोशालाओं में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हस्तानान्तरित करवाया जा सकता है। इस नियम के अंतर्गत राजकीय सहायता प्राप्त करने वाली गोशालाएं निराश्रित गौवंश को गौशाला में लेने से इंकार नहीं कर सकती है।
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