जयपुर। गरीब और लाचार व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है और इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में 280 नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के पदस्थापन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश के 16 जिलों में अभियोजन भवनों की निर्माण प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया मंगलवार को राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में अभियोजन निदेशालय की ओर से आयोजित नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी जैसे ही जमीन की आबंटन प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, वहां भी सांसद, विधायक कोष या अन्य दानदाताओं के सहयोग से अभियोजन भवनों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। कटारिया ने बताया कि अभियोजन विभाग ने नव चयनित सहायक अभियोजन अधिकारियों के पदस्थापन के लिए एक नवाचार किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनका पदस्थापन मैरिट के आधार पर उनकी च्वाॅइस की जगह पर पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है, ताकि बिना सिफारिश वालों को भी उनकी इच्छानुसार पदस्थापन मिल सके। उन्होंने बताया कि नवाचार के तहत हमने दिव्यांगों को पहली प्राथमिकता में रखा है और महिलाओं को उनके गृह जिले में ही पदस्थापन की सुविधा उपलब्ध करवाई है। उन्होंने बताया कि हमने जो नवाचार अपनाया है, वह एक दिन माइलस्टोन साबित होगा। कटारिया ने कहा कि प्रदेश में सजा का प्रतिशत 91 प्रतिशत है, जो अच्छा है। लेकिन इसे और अधिक बढ़ाया जाएगा, ताकि अपराधों में और अधिक कमी आ सके।
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