जयपुर । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री डाॅ. अरूण चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार सामान्य वर्ग के आरक्षण मामले में दुर्भावना से कार्य कर रही है और सामान्य वर्ग को आरक्षण से वंचित रखना चाहती है। इसके लिए सरकार ने पहले तो नोटिफिकेशन जारी करने में देरी की और अब उसके बाद जाति प्रमाण पत्र व परिवार की परिभाषा में नया पैरा जोड़कर इसे कठिन बनाने का प्रयास किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश भाजाप मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने आरक्षण का नोटिफिकेशन 31 जनवरी को ही जारी कर दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे रोके रखा और भाजपा की ओर से विधानसभा से लेकर सड़क तक धरने-प्रदर्शन व आन्दोलन के बाद 19 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसकी गाइड लाईन 12 मार्च को बनायी गई। इसमें कुटुम्ब की परिभाषा और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए अधिकृत अधिकारियों की सूची के माध्यम से कठिन बनाया गया।
डाॅ. चतुर्वेदी ने कहा कि केन्द्र के नोटिफिकेशन में कुटुम्ब की परिभाषा में आश्रित माता-पिता व 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल है, जबकि राज्य सरकार के गाइड लाईन में परिवार की परिभाषा में आश्रित माता-पिता और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे के अलावा भाई-बहिन को भी शामिल किया गया है। इससे सरकार की नीयत का पता चलता है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में अब तक एक भी जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाये है, सामान्य वर्ग के आरक्षण में राज्य सरकार द्वारा बाधा पैदा की गई और इसकी प्रक्रिया को आसान बनाने की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार तुरन्त जाति प्रमाण पत्र जारी करें।
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