जयपुर। बिजली छीजत कम करने एवं बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुष लगाने के लिए जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेषक के निर्देषन में दो दिन का विषेष सतर्कता जांच अभियान चलाया गया। इस अभियान में जयपुर डिस्काॅम के विजिलेन्स एवं ओएण्डएम विंग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रुप से लक्षित स्थानों पर विजिलेन्स चैकिंग की कार्यवाही की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेषक नवीन अरोड़ा ने बताया कि डिस्काॅम क्षेत्र में बिजली चोरी की प्रभावी रोकथाम एवं विद्युत छीजत को न्यूनतम स्तर पर लाने के उद्देश्य से उच्चतम छीजत वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर 13 व 14 नवम्बर, 2021 को दो दिन का विषेष सतर्कता जांच अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि दो दिन में 1387 स्थानों पर बिजली चोरी एवं 82 स्थानों पर बिजली दुरुपयोग के मामले पकड़े गए है। पकड़े गए सभी मामलों में 3 करोड़ 15 लाख 5 हजार रुपए के राजस्व का
निर्धारण किया गया है। जुर्माना राशि जमा करवाने के लिए संबंधितों को नोटिस जारी किये गए है। निर्धारित समयावधि में जुर्माना राशि जमा नही करवाने पर दोषियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही हेतु संबंधित विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की कार्यवाही की जावेगी।
श्री अरोड़ा ने बताया कि बिजली चोरी पकड़ने के लिए डिस्काॅम क्षेत्र में चलाए गए दो दिन के विषेष अभियान के तहत जयपुर नगर वृत में बिजली चोरी के 177 व बिजली दुरुपयोग के 68 पकड़े गए मामलों में 38 लाख 4 हजार रुपए के राजस्व का निर्धारण किया गया है।
इसी तरह जयपुर जिला वृत में बिजली चोरी के 283 व दुरुपयोग के एक मामले में 78.05 लाख, अलवर वृत में बिजली चोरी 67 व दुरुपयोग के 3 मामलों में 24.12 लाख, दौसा वृत में बिजली चोरी के 100 व दुरुपयोग के एक मामले में 18.56 लाख, टोंक वृत में बिजली चोरी के 126 व दुरुपयोग के 3 मामलों में 25.52 लाख, भरतपुर वृत में बिजली चोरी के 180 मामलों में 43.02 लाख, धौलपुर वृत में बिजली चोरी के 63 मामलों में 12.63 लाख, सवाईमाधोपुर वृत में बिजली चोरी के 105 मामलों में 20.04 लाख, बूंदी वृत में बिजली चोरी के 123 व बिजली दुरुपयोग के 6 मामलों में 24.05 लाख तथा झालावाड़ वृत में बिजली चोरी के 163 मामलों में 30.28 लाख रुपए के राजस्व का निर्धारण किया गया है।
प्रबन्ध निदेषक नवीन अरोड़ा ने बताया कि डिस्काॅम की विजिलेन्स टीमें अब ऐसे बिजली कनेक्षनों की जांच भी करेगी जो लम्बे समय से बन्द पड़े है, जिनके पूर्व में बिजली चोरी या बकाया राषि के चलते कनेक्षन कट गए थे। इसकी जांच की जा रही है कि इन जगहों पर बन्द बिजली कनेक्षन के बावजूद भी बिजली का उपयोग कैसे हो रहा है। ऐसे स्थानों पर बिजली चोरी या अवैद्य
बिजली कनेक्षन मिलने पर एफआइआर दर्ज करवाने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बतया कि बिजली चोरी रोकने व छीजत में कमी लाने के लिए डिस्काॅम की विजिलेन्स टीमों द्वारा टारगेटेड विजिलेन्स चैकिंग का अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुष लगाया जा सके।
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