जयपुर,। राज्य सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं सहित सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपरलीक प्रकरण रोकने और नकल माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अब राज्य सरकार द्वारा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में स्पेशल टास्क फोर्स (एंटी चीटिंग) का गठन किया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रकरणों में लिप्त दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई हेतु इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से बेरोजगार और मेहनती अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा और परीक्षाओं में गोपनीयता बनी रहेगी। साथ ही, चीटिंग संबंधित प्रकरणों में प्रभावी जांच कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में सहायता मिलेगी।
संचालन के लिए 39 पदों का सृजन
गहलोत ने संचालन के लिए 39 नवीन पदों के सृजन तथा आवश्यक संसाधनों हेतु वित्तीय प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। इन नवीन पदों में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का एक-एक पद, पुलिस निरीक्षक, हैड काॅन्स्टेबल के 5-5 पद, काॅन्स्टेबल के 20 पद सहित विभिन्न पद शामिल हैं। यह टास्क फोर्स आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित होगी। इसके माध्यम से पेपरलीक प्रकरणों में दोषी अभ्यर्थियों एवं संस्थानों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट 2023-24 में घोषणा की गई थी।
विधानसभा में विधेयक पारित
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक, 2022 पारित करा चुकी है। इसमें परीक्षार्थियों को कारावास, सार्वजनिक परीक्षाओं से डिबार, दोषियों की सम्पत्ति ध्वस्त जैसे कड़े प्रावधान किए गए हंै।
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