जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के इस समय में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए एक और मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए विशेष बसें चलाई जाएं। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार से इन बसों के संचालन पर सहमति के लिए शीघ्र वार्ता की जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना तथा क्वारेंटीन व्यवस्थाओं को लेकर कोर ग्रुप के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है कि लॉकडाउन की पालना के कारण परिजन के निधन के बाद शोकाकुल परिवार अस्थियों का विसर्जन करने नहीं जा पाए। राज्य सरकार इस मार्मिक स्थिति से वाकिफ है। इस मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए ये विशेष बसें चलाने का निर्णय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से आए प्रवासियों के क्वारेंटीन को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी संस्थागत तथा होम क्वारेंटीन व्यवस्थाओं की लगातार मॉनीटरिंग करें। संस्थागत क्वारेंटीन में लोगों को भोजन, पानी सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
राज्य स्तरीय क्वारेंटीन प्रबंध समिति की अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में बेहतर क्वारेंटीन सुविधाओं के लिए 10 हजार से अधिक सेंटरों की व्यवस्था की गई है। राज्य में फिलहाल 7 लाख 18 हजार लोग क्वारेंटीन में हैं। इनमें से 34 हजार संस्थागत क्वारेंटीन में तथा शेष होम क्वारेंटीन में हैं। प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार ने बताया कि अब तक करीब 6 लाख लोग क्वारेंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं।
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि क्वारेंटीन और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
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