जयपुर। राज्य पीसीपीएनडीटी दल ने भ्रूण लिंग जांच मामले में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत् हनुमानगढ़ जिले के संगरिया में शनिवार को डिकॉय ऑपरेशन कर वहां के एक सोनोग्राफी सेंटर के संचालक और उसके उसके पार्टनर को गिरफ्तार किया है। डिकाॅय दल ने सोनोग्राफी सेंटर को सील कर सोनोग्राफी मशीन को जब्त कर लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य प्राधिकृत अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इस सेंटर पर भ्रूण लिंग जांच के घृणित कार्य करने के बारे में गोपनीय सूचनाएं मिल रही थी जिसके आधार पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीसीपीएनडीटी शालिनी सक्सेना के नेतृत्व में डिकाॅय दल गठित कर कार्यवाही की गयी है। उन्होंने बताया कि संगरिया के भगत सिंह चैक पर स्थित प्रखर डायगनोस्टिक सेंटर का संचालक राकेश चैधरी व उसका पार्टनर मुकेश स्वामी को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यवाही के बाद जानकारी मिली कि ये दोनों व्यक्ति नई दिल्ली के एक चिकित्सक को हायर करके सोनोग्राफी का कार्य करते थे। उन्हाेंने बताया कि यह भी सूचना मिली थी कि ये दोनों लंबे अर्से से भ्रूण लिंग जांच करके बड़ी रकम ऐंठते रहे हैं एवं मनगढ़ंत गर्भस्थ शिशु के लिंग की जानकारी देकर धोखाधड़ी करते रहे हैं। राज्य स्तर से सूचना की पुष्टि होने के बाद शनिवार को राज्य पीसीपीएनडीटी डिकाॅय दल ने कार्यवाही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
डाॅ. शर्मा ने बताया कि आरोपी राकेश ने गर्भवती महिला को भ्रूण लिंग जांच के लिए शनिवार सुबह बुलवाया और उससे 54 हजार रुपए लेकर करीब दो घण्टे इधर-उधर घुमाता रहा। इसके बाद प्रखर डायगनोस्टिक सेंटर पर लेकर गया और डॉ से साधारण जांच करवाई गयी और कुछ देर बाद सोनोग्राफी सेंटर से बाहर आकर गर्भवती को लिंग की जानकारी दी। डिकाॅय टीम ने आरोपी को रंगे-हाथ गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से उनके साथ शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत् सोनोग्राफी सेंटर की सोनोग्राफी मशीन व एक्टिव ट्रेकर इत्यादि को सील कर दिया है और दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
जांच व पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने अब तक करीब 200 से अधिक गर्भवती महिलाओं के साथ इस तरह झूंठी मनगढ़ंत भू्रण रूप से लिंग की जानकारी देकर धोखाधड़ी कर रुपये ठगे हैं। प्रत्येक मामले में लगभग 50 हजार से 1.20 लाख रुपये तक की रकम तय की हुई थी। जब कोई परिजन प्रसव के बाद इनके बताए गए लिंग से भिन्न शिशु जन्म लेने पर इनके पास आते तो उनको धमका कर भगा देते थे। क्योंकि भ्रूण लिंग जांच करवाना भी अपराध है इसलिए कोई परिजन इसकी शिकायत भी कहीं पर नहीं करते थे इसी का फायदा उठाकर दोनों आरोपियों द्वारा बड़े स्तर पर गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों के साथ धोखा धड़ी कर भारी रकम ऐंठ ना जारी रखा। ये इतने शातिर हैं कि इनके इस कृत्य की खबर केंद्र के दिल्ली निवासी पंजीकृत चिकित्सक को भी नहीं लगी।
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