जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि रामकथा के वाचन से
समाज में प्रेम, भाईचारे व सद्भावना का सन्देश जाता है, जिसकी वर्तमान समय
में सर्वाधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कथाएं देश के
कोने-कोने में आयोजित होनी चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को राजसमन्द के नाथद्वारा में विश्व की सबसे बड़ी
शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विश्व की विशालतम शिव प्रतिमा के रूप में ‘विश्वास
स्वरूपम्’ का निर्माण किया गया है। लगभग दस साल के समय में समर्पण और लगन
से निर्मित इस सुन्दर और भव्य शिव प्रतिमा को निर्माताओं द्वारा समाज में
एक सकारात्मक सन्देश देने के लिए बनाया गया है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने
इस अवसर पर प्रतिमा का विधिवत रूप से अनावरण व अवलोकन किया। उन्होंने इस
दौरान आयोजित रामकथा में प्रसिद्ध कथा वाचक श्री मुरारी बापू का हार्दिक
अभिनन्दन किया। उन्होंने 369 फुट ऊंची विश्वास स्वरूपम् प्रतिमा के निर्माण
में मुख्य भूमिका निभाने वाले श्री मदन पालीवाल की सराहना की। मुख्यमंत्री
ने इस मौके पर रामकथा का श्रवण भी किया।
विधानसभा
अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि दस साल की निरन्तर मेहनत व समर्पण से
नाथद्वारा में विश्वास स्वरूपम् की स्थापना की गई है। नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल ने कहा कि कड़े परिश्रम से इतनी सुन्दर शिव प्रतिमा का
निर्माण नाथद्वारा में किया गया है, जो विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है।
उन्होंने कहा कि नाथद्वारा में विकास कार्यों के लिए किसी प्रकार की कमी
नहीं आने दी जाएगी।
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