- विधानसभा संवाददाता -
जयपुर। प्रदेश में ऐसे बुजुर्ग जिनकी हाथ की रेखाएं मिट गई हैं। उनके पास मोबाइल फोन नहीं है और जो घर से बाहर आने-जाने में अक्षम हैं। उनसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए अब ग्राम सेवक घर जाकर भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करवाएगा। इसके साथ ही जिन ई मित्र संचालकों की गड़बड़ी की वजह से बुजुर्गों को पेंशन मिलने में दिक्कत हुई है, उनकी जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सिफारिश भेजी जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री डॉ. अविनाश गहलोत ने सोमवार को राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक डॉ. जसवंत यादव के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। इससे पहले डॉ. यादव ने मंत्री से आग्रह किया था कि ग्रामीण इलाकों में अनेक ऐसे बुजुर्ग हैं जिनकी हाथ की रेखाएं बढती उम्र के कारण मिट गई हैं, जिससे थंब इम्प्रेशन नहीं आ पाता है। उनके पास मोबाइल फोन होते नहीं है और सरकारी अफसरों के कार्यालयों में चक्कर लगाने के लिए वे सक्षम नहीं हैं। इसलिए किसी नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए जो उनसे घर जाकर भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करवा सके। इस पर मंत्री ने माना कि पूरे प्रदेश में इस तरह की समस्या है, उनके पास भी इस तरह का फीडबैक आता है।
इससे पहले अपने जवाब में मंत्री डॉ. अविनाश गहलोत ने बताया कि बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 साल के दौरान कुल 23068 वृद्ध जन सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए पात्र पाए गए हैं। इनमें से 22619 बुजुर्गों को पेंशन राशि मिल ही है। लेकिन, 449 बुजुर्ग ऐसे हैं जिनके पेंशन प्रकरण लंबित हैं। इनमें 407 प्रकरण ऐसे हैं जिनमें पेंशनरों की मृत्यु हो चुकी है। 4 लोग ऐसे हैं जिनका बैंकिंग विवरण गलत है। जबकि 17 प्रकरणों में भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में पात्र वृद्धजनोंं के आधारकार्ड से मोबाइल नम्बर नहीं जुड़ने तथा बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं होने के कारण योजना से वंचितों को लाभ देने के लिए सरकार द्वारा पेंशन पोर्टल पर अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इसके तहत संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के मोबाइल पर ओटीपी उपलब्ध करवाकर पेंशनर का वार्षिक भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।
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