जयपुर। स्मार्ट साॅल्यूशन्स को लागू करने से पूर्व हमें सीवरेज, प्रदूषण नियंत्रण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट, परिवहन के वैकल्पिक साधन और अन्य मूल घटकों के विकास पर ध्यान देना होगा। यह बात जयपुर के मेयर, अशोक लाहोटी ने कही है। वह मंगलवार को जयपुर मैरियट में ‘स्मार्ट एंड डिजीटल राजस्थान समिट और एक्सपो 2018‘ के उद्घाटन सत्र में सम्बोधित कर रहे थे।
दो दिवसीय इस समिट का आयोजन इंडो-अमेरिकन चैम्बर आॅफ काॅमर्स (आईएसीसी) द्वारा राजस्थान सरकार एवं ‘द गिल्ड‘ के सहयोग से किया जा रहा है। इस आयोजन को राजस्थान सरकार के शहरी विकास एवं आवासन (यूडीएच) विभाग का भी सहयोग प्राप्त है। जयपुर मेयर ने आगे कहा कि विदेशों की तरह स्मार्ट सिटी डवलपमेंट की अवधारणा को यहां ज्यों का त्यों लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि हमारे देश की भौगोलिक, डेमोग्राफिक और आर्थिक स्थितियां अन्य देशों से भिन्न है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर आईएसीसी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट, डाॅ. ललित भसीन ने स्वागत भाषण में बताया कि किसी भी शहर के विकास के स्तर, बदलाव की इच्छा, नागरिकों की महत्वाकांक्षा से उस शहर की स्मार्ट सिटी की परिभाषा तय होती है। स्मार्ट सिटी में ऐसे स्थान आवश्यक है जहां लोग पैदल चल सकें, खुली जगह हो, परिवहन के अच्छे विकल्प उपलब्ध हों और नागरिकों के अनुकूल एवं किफायती प्रशासन हो।
इस अवसर पर अमेरिका के अनुभव साझा करते हुए यूएस कमर्शियल सर्विसेज की कमर्शियल काउंसलर, ऐलीन क्रोव नेंडी ने कहा कि भारत के स्मार्ट देश बनने की असीम सम्भावनाएं है। भारत में शहरीकरण लगातार बढ रहा है, ऐसे में स्वच्छ जल, बिजली और परिवहन बेहद जरूरी है। अनेक अमेरिकी कम्पनियां स्मार्ट सिटी डवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए स्मार्ट और नए तरह के साॅल्यूशन्स उपलब्ध कराती हैं। भारतीय और अमेरिकी कम्पनियों के मध्य परस्पर सहयोग और बढाना चाहिए ताकि उन्हें स्मार्ट साॅल्यूशन्स आसानी से मिल सकें।
आईजीबीसी की पाॅलिसी एंड एडवोकेसी कमेटी के चेयरमैन, वी.सुरेश ने बताया कि 4,452 ग्रीन प्रोजेक्ट के साथ भारत का ग्रीन फुटप्रिंट 4.79 बिलियन वर्ग फुट है। स्मार्ट सिटीज के जरिए बिजली की खपत में कमी लाई जा सकती है, लाइटिंग का लोड कम हो सकता है और पानी की 40 से 50 प्रतिशत तक बचत हो सकती है। जरूरत इस बात की है कि ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दिया जाए ताकि मौजूदा शहरों को स्मार्ट सिटी में बदला जा सके।
जे.मोहनको कंस्ट्रक्शन के मैनेजिंग पार्टनर, जैमिनी उबेराॅय ने अपने शुरूआती भाषण में कहा कि बेहतर परिवहन सुविधाएं, स्वास्थ्य सुविधाए, शिक्षण व्यवस्था, अर्फोेडेबल हाउसिंग एवं ग्रामीण क्षेत्रों से सुदृढ लिंकेज स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मूल आवश्यकताएं है। यह अत्यंत आवश्यक है कि निवेशक इन प्रोजेक्ट्स में रूचि दिखाएं।
आईएसीसी जयपुर डेस्क के चेयरमैन संजीव बाली ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
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