जयपुर। प्रदेश के रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर विभाग के अधिकरियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के निर्देश जारी किये है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि अधिकारी एवं कार्मिक अपने परिवारजन, निकटजन एवं आमजन को भी सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत करायेगे तथा इसके रोके जाने हेतु जन चेतना जागृत करने में सहयोग भी प्रदान करेंगे।
डॉ. पवन ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने में मदद करना मानव सेवा का ही कार्य है ओर यह प्रत्येक व्यक्ति का भी कर्तव्य है। उन्होंन बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का सैकड़ो वर्षो तक अपघटन नहीं होने एवं अपघटन के दौरान रासायनिक क्रिया होने से वायु एवं जल प्रदूषण में वृद्धि होती है जो प्रत्येक प्राणी के लिए खतरा है।
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक में कैरी बैग(50 माइक्रोन से कम), बिना बुना कैरी बैग, छोटी रैपिंग/पैकिंग फिल्म, फोम वाले कप प्याले, कटोरे, प्लेट, लेमिनेट किये गए बाउल और प्लेट, छोटे प्लास्टिक कप और कंटेनर (150 एमएल और 5 ग्राम से कम), प्लास्टिक स्टिक और इयर बड्स, गुब्बारे, झंडे और कैंडी, सिगरेट के बट्स, फैलाया हुआ पौलिस्ट्रिन, पेय पदार्थों के लिए छोटे प्लास्टिक पैकेट (200 एमएल से कम) और सड़क के किनारे बैनर (100 माइक्रोन से कम) शामिल है.
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