जयपुर । आगामी 14 सितंबर को साझा विरासत बचाओ सम्मेलन का आयोजन राजधानी के बिड़ला सभागार में आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में 15 प्रमुख विपक्षी दलों के राजनेता हिस्सा लेंगे। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पीसीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
पायलट ने आरोप लगाया कि देश और प्रदेश की शासन व्यवस्था के चलते प्रजातांत्रिक मूल्यों की हत्या हो रही है। कोई भी अपनी बात नहीं कह पा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा दबाव की राजनीति करके विपक्षी दलों की एकजुटता को बिखेरने का प्रयास कर रही है। इसका उदाहरण बिहार का सबके सामने है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा था और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, लेकिन भाजपा के दबाव के चलते उन्होंने महागठबंधन को छोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया। जबकि होना यह चाहिये था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले इस्तीफा देते और फिर जनता के बीच जाते। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद शरद यादव साझा विरासत बचाओ अभियान के संयोजक है। इस सम्मेलन के जरिये पूरे देश में विपक्ष की एकजुटता का संदेश जाएगा। साथ ही वर्ष 2018-19 की राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, सीताराम येचुरी, जयंत चौधरी, बाबूलाल मरांडी समेत कई नेता हिस्सा लेंगे।
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