जयपुर। नीट परीक्षा के पेपर लीक करवाने के नाम ठगी करने वाले आरोपियों ने एटीएस की पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। छात्रों को पेपर दिलाने के नाम पर आरोपी उनसे 30-30 लाख रुपए तक ले रहे थे। इतना ही नहीं वे पिछले दस साल से प्राइवेट मेडीकल कॉलेजों में एडमिशन कराने के लिए छात्र-छात्राओं से 5 लाख रुपए लेते थे। परीक्षा में किसी दूसरे व्यक्ति को बिठाकर परीक्षा दिलावा देते थे। इसमें आधी राशि कॉलेज को देते थे। इस काम के लिए आरोपी विक्रम व विकास ने गणपति प्लाजा में एज्युकॉम के नाम से कार्यालय भी खोल रखा है। एटीएस ने इन दोनों आरोपियों के अलावा अशोक, दिशांक व भूपेन्द्र को गिरफ्त में लिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नामीचीन लोगों के बच्चों को फंसाया जाल में
एटीएस एसपी विकास कुमार ने बताया कि बदमाश जिन छात्रों को परीक्षा दिलवाने के लाए थे। वह छात्र देश के नामी व्यवसायी, चिकित्सक व अधिकारियों के बच्चे निकले। जयपुर के परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा देने वाले छात्रों में से एक छात्रा के पिता हसनपुरा स्थित केन्द्रीय अस्पताल के नामी डॉक्टर हैं। दूसरी छात्रा के पिता मुम्बई के नामी बिल्डर है, तीसरे छात्र के पिता मध्यप्रदेश के नामी व्यवसायी है। हालांकि पुलिस ने 11 छात्रों व उनके परिजनो को पूछताछ कर छोड़ दिया।
दिल्ली के केन्द्रों पर परीक्षा देने वाले मुजफ्फर नगर निवासी छात्र के पिता बिहार पुलिस में अधिकारी है, दूसरी छात्रा के पिता हरियाणा के बिजली विभाग में उच्चाधिकारी हैं। तीसरी छात्रा के पिता हरियाणा के मत्सय विभाग में निरीक्षक हैं, चौथे छात्र के पिता बिहार के नामी व्यवसायी हैं तथा पांचवे छात्र के पिता दिल्ली के नामी डॉक्टर हैं।
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