जयपुर। राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 9वीं
से 12वीं तथा विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में
कक्षाओं का नियमित संचालन बुधवार 1 सितम्बर, 2021 से प्रारम्भ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री समूह द्वारा प्रदेश के शैक्षणिक
संस्थानों में अध्ययन-अध्यापन गतिविधियां शुरू करने के लिए की गई सिफारिशों
का अनुमोदन कर दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत के निर्णय
के बाद गृह विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के
लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गृह विभाग द्वारा जारी मानक संचालन
प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, कक्षाएं केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति क्षमता के
साथ खुल सकेंगी। साथ ही, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19
संक्रमण की रोकथाम हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल एवं समय-समय पर जारी
दिशा-निर्देशों की सभी शैक्षणिक परिसरों में सख्ती से पालना सुनिश्चित की
जाएगी।
शिक्षण संस्थानों में कक्षाओं का संचालन निम्न दिशा-निर्देशों के साथ शुरू होगा ः-
•
राज्य के सरकारी/निजी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालयों (कक्षा 9वीं
से 12वीं तक) की नियमित शिक्षण गतिविधियों का संचालन 50 प्रतिशत क्षमता के
साथ 1 सितम्बर से प्रारम्भ किया जा सकेगा।
•
विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालय के शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ एवं
संस्थान के लिए आवागमन हेतु संचालित बस, ऑटो एवं कैब के चालक इत्यादि को 14
दिन पूर्व वैक्सीन की कम-से-कम एक खुराक अनिवार्य रूप से लेनी होगी।
•
प्रदेश के समस्त कोचिंग संस्थान अपने शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ के
वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके होने की अनिवार्यता की शर्त के साथ 1
सितम्बर से बैठक 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगे। साथ ही,
संबंधित संस्थान द्वारा e-intimation के माध्यम से ऑनलाइन पोर्टल https://covidinfo.rajasthan.gov.in
पर संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या, बैठक क्षमता एवं कुल
स्टाफ/कार्मिकों/विद्यार्थियों के प्रतिशत वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी
होगी।
• शैक्षणिक व अशैक्षणिक
स्टाफ/विद्यार्थियों के आवागमन हेतु संचालित स्कूल बस/ऑटो/कैब इत्यादि वाहन
की बैठक क्षमता के अनुसार ही अनुमत होंगे।
•
नियमित कक्षाओं के अध्ययन के लिये छात्रों की बैठक व्यवस्था एक सीट छोड़कर
इस प्रकार की जायेगी कि प्रत्येक कक्ष में छात्रों की उपस्थिति कक्ष की
क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो।
• ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग अध्यापन को वरीयता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।
• विद्यालयों में कक्षा 1 से 8वीं तक की नियमित शिक्षण गतिविधियां आगामी आदेश तक केवल ऑनलाइन माध्यम से संचालित रहेंगी।
•
राज्य में शिक्षण गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन हेतु शिक्षण
संस्थाओं
(विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालय/कोचिंग संस्थान) द्वारा
निम्न की पालना सुनिश्चित की जाएगी ः-
शिक्षण
संस्थानों में आने से पूर्व सभी विद्यार्थियों द्वारा अपने माता-पिता/
अभिभावक से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यदि माता-पिता/अभिभावक अपने
बच्चों को अभी ऑफलाइन अध्ययन हेतु कक्षाओं में नहीं भेजना चाहते, तो उन पर
संबंधित संस्थान द्वारा उपस्थिति के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। इन
विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा निरन्तर संचालित रखी जाएगी।
शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं किया जायेगा।
अध्ययन अवधि के दौरान संस्थान में एवं आवागमन के दौरान फेस मास्क पहनना
अनिवार्य होगा। ‘मास्क नहीं, तो प्रवेश नहीं‘ के नियम की पालना आवश्यक है।
किसी विद्यार्थी/स्टाफ के पास मास्क नहीं होने पर संस्थान द्वारा मास्क
उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
शिक्षण
संस्थानों द्वारा प्रत्येक शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टाफ/विद्यार्थी की
स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी एवं इसके उपरान्त ही प्रवेश दिया जाएगा।
मुख्य द्वार पर प्रवेश एवं निकास के दौरान संस्था परिसर, कक्षाओं में
सामाजिक दूरी (दो गज की दूरी) का ध्यान रखा जाएगा एवं संस्थान में किसी भी
स्थान पर विद्यार्थी/अभिभावक/कर्मचारी अनावश्यक रूप से एकत्रित न हो एवं
संस्थान परिसर में स्थित कैंटीन को आगामी आदेशों तक बंद रखा जायेगा।
प्रत्येक फ्लोर पर क्लासरूम एवं फैकल्टी रूम में कुर्सियों, सामान्य
सुविधाओं एवं मानव सम्पर्क में आने वाले सभी बिन्दुओं जैसे रेलिंग्स, डोर
हैण्डल्स एवं सार्वजनिक सतह, फर्श आदि को प्रतिदिन सेनेटाइज किया जाएगा एवं
खिड़की/ दरवाजों को खुला रखा जाएगा, ताकि हवा का पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित
रहे।
संस्थान में प्रतिदिन काम में आने वाली स्टेशनरी एवं अन्य उपकरणों को सेनेटाइज करना अनिवार्य होगा।
सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर प्रतिबंध होगा और उल्लंघन किये जाने पर नियमानुसार आर्थिक दंड वसूल किया जाएगा।
विद्यालय परिसर में किसी भी विद्यार्थी, शिक्षक अथवा कार्मिक को कोविड
पॉजिटिव या फिर संभावित संक्रमण की स्थिति बनने पर विद्यालय प्रशासन द्वारा
संबंधित कक्ष को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा।
किसी विद्यार्थी/शिक्षकगण/कार्मिक में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसे
तुरन्त निकटस्थ अस्पताल/कोविड सेन्टर में इलाज/आइसोलेशन हेतु रेफर/ भर्ती
करवाया जाएगा एवं संस्थान द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।
• शिक्षण संस्थानों को खोलने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
•
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा शिक्षण संस्थानों में कोरोना प्रोटोकॉल एवं उक्त
दिशा-निर्देशों की अनुपालना की मॉनिटरिंग हेतु एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति
की जाएगी।
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