जयपुर। देश में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और घूमंतु जातियों के 3 करोड़ 54 लाख विद्यार्थियों को 14 प्रकार की छात्रवृति का भुगतान डिजीटल माध्यम से किया जा रहा है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत के अनुसार इनमें से 60 प्रतिशत खाते आधार से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के कुल बजट का 54 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान करने पर खर्च किया जाता है। गहलोत ने बताया कि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबधित विद्यार्थियों के शैक्षिक उत्थान के लिए छात्रवृति के अलावा छात्रावास के निर्माण, कोचिंग सुविधा और शैक्षिक संस्थाओं के निर्माण के लिए पूंजी उपलब्ध कराए जाने जैसे उपाय किए जा रहे हैं। अनुसूचित वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए सात छात्रवृति योजनाएं संचालित की जा रही हैं। ये योजनाएं हैं - पूर्व और उत्तर मैट्रिक छात्रवृति, उच्च शिक्षा छात्रवृति, विदेश में अध्ययन के लिए छात्रवृति, यूजीसी की ओर से राष्ट्रीय फैलोशिप, अस्वच्छ व्यवसायों से जुड़े लोगों के बच्चों के लिए पूर्व मैट्रिक छात्रवृति, निशुल्क कोचिंग और कौशल उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता।
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