जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने शुक्रवार को टोंक व सवाई माधोपुर महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया और नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जन-जागरण अभियान का आगाज किया। इसके लिए कई बड़ी व छोटी सभाओं के साथ बाजार के मुख्य चौराहों पर स्थित दुकान और घर के लोगों को विस्तृत जानकारी दी और पत्रक वितरित किए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डाॅ. पूनिया ने नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में बोलते हुए कहा कि इस कानून के लागू होने से भारत की किसी भी जाति, वर्ग, समुदाय के व्यक्ति की नागरिकता को कोई हानि नहीं है, बल्कि भारत के पड़ोसी देशों में जो भाई-बहन प्रताड़ित थे, उन्हें नागरिकता देने का यह कानून है और वहां से शरणार्थी के रूप में भारत आ गए थे, उन्हें यहां की नागरिकता प्रदान की जा रही है। यह कानून पहले भी ऐसा ही था, बस इसमें मामूली सुधार किया गया है। किन्तु कांग्रेस और विपक्षी दल अपने सियासी मंसूबों को पूरा करने लिए जनता में भ्रम फैला रहीं हैं, उनकी बातों में न आते हुए हमें उन पीड़ित भाई-बहनों के सहयोग के लिए इस कानून का समर्थन करना चाहिए।
डाॅ. पूनिया ने कहा कि आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकास की ओर अग्रसर है। कश्मीर में धारा 370 हटाना, राम मंदिर निर्माण की दिशा तय करना और हमारे वह भाई-बहन जो पड़ोसी देशों में यातना का जीवन जी रहे थे, उन्हें शरणार्थी के रूप में भारत में रहने पर अब भारत की नागरिकता प्रदान करना तमाम ऐसे कार्य हैं जो बहुत पहले हो जाने चाहिए थे, लेकिन मजबूत इरादों वाली नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देशहित में इतने बड़े फैसले किए। नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से विपक्ष बौखलाया हुआ है और विपक्ष कभी नहीं चाहता कि इन समस्याओं का समाधान हो। इसलिए विपक्ष भ्रम फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहा है।
डाॅ. पूनिया ने कहा कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री जो स्वयं को गांधी कहते हैं और उनकी विचारधाराओं पर चलने की बात कहते हैं, लेकिन ठीक इसके विपरित छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन की अनुमति नहीं देना, यह उन्हें शोभा नहीं देता। किन्तु आपको अपनी शक्ति के द्वारा उन्हें यह दिखाना होगा कि आप लोकतंत्र का अधिकार उनसे छीन कर ले सकते हैं, क्योंकि यह आपको भारत का संविधान प्रदान करता है।
डाॅ. पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपने कर्तव्य से भटक गई है। कोटा में जिस तरह से छोटे बच्चों की मौत पर सरकार का रवैया रहा और नागरिकता संशोधन कानून के मामले में जिस तरह का विरोध कांग्रेस सरकार कर रही है, वह बिल्कुल लोकतांत्रिक नहीं है। जिन मुद्दों को वह अपने घोषणा पत्र में शामिल किया करती थी, आज उन्हीं का विरोध कर रही है। इसके पीछे उसकी मंशा क्या है? यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताना चाहिए। उनकी सरकार का मंत्री अपनी जिम्मेदारियों से बचता है, फिर प्रदेशाध्यक्ष उन्हें जिम्मेदारी का एहसास कराता है, तो वह अपनी गलती मान लेता है, लेकिन वे इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। पूरी सरकार दो धड़ों में बटी हुई नजर आ रही है, समझ नहीं आता कि वे प्रदेश का भला चाहते हैं या अपनी इच्छाओं की पूर्ति में लगे हुए हैं।
डाॅ. पूनिया ने छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन में भारी तादात में उपस्थित छात्र शक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि जेएनयू हिंसा पर आज दिल्ली पुलिस ने जिन छात्रों की पहचान की है, वे लेफ्ट से सम्बन्धित है। जेएनयू हिंसा के मामले में लेफ्ट व कांग्रेस की राजनीतिक हिंसा की कलही खुली गई है। राज्य सरकार छात्रों की लोकतांत्रिक शक्तियों को छीन रही है, जिस तरह से कोटा में छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन की अनुमति सरकार द्वारा नहीं दी गई थी और अब टोंक में भी यहीं हुआ, यह लोकतंत्र की हत्या है। एक तरफ तो कांग्रेस सरकार पूरे भारत में लोकतंत्र की दुहाई देती है, वहीं प्रदेश में युवा शक्ति के विचारों की हत्या कर रही है। 1975 में आपातकाल के दौरान जब लोकतंत्र पर पहरा बिठा दिया था, तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे छात्र संगठन ने लोकतंत्र की भारत में पुनः स्थापना में अहम भूमिका निभाई।
इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. पूनिया के साथ विधायक कन्हैया लाल, पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर, जिला अध्यक्ष राजेन्द्र पराणा, जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी सहित भाजपा के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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