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जयपुर/अलवर। कांग्रेस शासन में मौजूदा कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा द्वारा की गई शिकायत की जांच में कई खुलासे हुए हैं। रद्दी में डाली गई इस जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य की बाढ़ ही खेत को खा गई। अफसरों की सरपरस्ती में यहां अवैध निर्माण किए गए। वृक्षारोपण और अभ्यारण्य को नुकसान पहुंचाया गया। अवैध खनन हुआ, लेकिन किसी भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। रोचक यह है कि अब भजनलाल सरकार आने के बाद भी शिकायत करने वाले मंत्री भी चुप बैठे हैं। भाजपा सरकार भी कांग्रेस के इस घोटाले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
दरअसल, सरिस्का अभयारण्य में जांच करने पहुंचे जांच दल की रिपोर्ट में बताया गया है कि नडौली क्षेत्र में वनस्पति को तो नुकसान हुआ ही, यहां 2.32 हैक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण कर चारदीवारी बनाकर अंदर पक्का निर्माण कर लिया गया। मौके पर यह भी ज्ञात हुआ कि अतिक्रमी एक दिग्गज राजनेता के निकट संबंधी है।
आपको बता दें कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की ओर से कांग्रेस सरस्कार के दौरान नडौली वृक्षारोपण में अतिक्रमण की शिकायत की गई थी। सरिस्का बाघ परियाेजना में संजय नगर भट्टा बस्ती पुनर्वास योजना के तहत नाहरगढ़ अभयारण्य से प्रत्यावर्तित वन भूमि की एवज में राजगढ़ जिला अलवर में साल 2012 में 85.44 वन भूमि आवंटित हुई थी, जो सरिस्का अभयारण्य के अधीन थी। इस मामले में उप वन संरक्षक कार्यालय ने तो यह मामला जयपुर उत्तर का होने का जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पास इसका कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं था। फिर भी जांच दल ने मौके की स्थिति के अनुसार रिपोर्ट बनाकर एक साल पहले सरकार को सौंप दी थी।
सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा के पास अवैध खननः
रिपोर्ट के मुताबिक सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा के पास सेंसेटिव जोन में अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि बिना अनुमति के ही खनन कार्य किया जा रहा है। इसमें उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अव्हेलना की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मौके पर यह भी स्पष्ट लगता है कि अवैध खनन अधिकारियों व अधीनस्थों की मिलीभगत से किया जा रहा है। जांच दल ने सिफारिश की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
पैसे लेकर जंगल के अंदर पेड़ों से गोंद निकलवायाः
पैसे लेकर पेड़ों से गोंद निकालने की शिकायत पर वन अधिकारियों ने पड़ताल की तो जांच दल को भ्रमित किया गया। लेकिन, जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कई गंभीर खुलासे किए हैं। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि नांदू वनखंड में सुनियोजित तरीके से छीला के पेड़ों से गाेंद निकालने का कार्य किया जा रहा है, जो वन संरक्षण अधिनियम का खुले रूप से उल्लंघन है। जांच दल ने इस मामले में सख्त कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की है।
जांच दल की रिपोर्ट में सरिस्का अभ्यारण्य में और भी जगह अवैध रूप से सड़क का निर्माण करवाने, पक्का निर्माण करने की पुष्टि की। जांच रिपोर्ट में शिकायत के हर बिंदु पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है, लेकिन पिछली सरकार में हुए इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मौजूदा भजनलाल सरकार ने भी आंखें मूंद ली है।
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