जयपुर । ग्रामीण विकास विभाग के तहत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) द्वारा SHG महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को मजबूत को उन्नत बनाने के प्रयासों के तहत 14 दिसंबर को सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले का शुभारम्भ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वर्चुअल किया ।
इस सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले में देश के लगभग सभी राज्यों के भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग 250+ उत्पादों एवं क्षेत्रीय शिल्पिकारों द्वारा भारत की विविध और समृद्ध विरासत को एक छत के नीचे देखने और क्रय करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस आयोजन में क्षेत्रवार मंडप स्थापित किए गए है. जिससे प्रत्येक राज्य अपनी अनूठी सांस्कृतिक कलाकृतियों को एक समर्पित स्थान पर प्रदर्शित कर रहा है । देश के लगभग समस्त प्रदेशों के 300 से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य, अपने उत्पादों को प्रदर्शित एवं विक्रय का कार्य कर रहे है। जिसके अंतर्गत हैंडीक्राफ्ट हैंडलूम खाट्य एवं उन्नत तकनीक से बने हुए उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे है। इस आयोजन में सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ाते हुए, अधिकांश राज्यों के फूड स्टाल्स से सजे काउंटर आगंतुकों को पूरे भारत के पारंपरिक व्यंजनों लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान करेंगे, जो हमारे देश की विविधता को दर्शाता एक अनूठी पाक कला को प्रदर्शित करता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोगों के दद्वारा इस मेले में ग्रामीण हस्त निर्मित उत्पादों के लिए खासा उत्साह देखा जा रहा है। फूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों की महिलाओं द्वारा स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं जिसका बुल्फ यहां आने वाले आगंतुक ले रहे हैं। जिसके अंतर्गत राजस्थान का चूरमा दाल बाटी, सिक्किम के मोमोज, चौमिन, ठुक्पा, सेल रोटी एवं आलू दम, आसाम से कोकोनट लड्डू ब्लैक राइस खीर, तिल पेठा, कलत्री पेठा, पश्चिमी बंगाल से पेटी सेपता, सूची करी, तेलंगाना से वेज बीरयानी, इडली डोसा, जम्मू कश्मीर से कहवा, मध्यप्रदेश आलू परांठा, मेथी परांठा, गरदू की टिक्की, पोहा जलेबी, गुजरात से मक्की की रोटी. उड़द की दाल, दन भात, हिमाचन प्रदेश सिददु राजमा हिमाचत्र प्रदेश ड्राड़ फूट सिददु असकाली रजना, तमिलनाडू से बेटस्ट मल्ट कैरेट मल्ट, बग्गी, बोंडा, आंध प्रदेश ओर्गेनिक जगेरी पाउडर हेमोग्लोबिन लड्डू, उत्तराखंड से मैबुआ का गोल गप्पा, स्प्रिंग रोल्ल, केरेला से बडा, बाँडा, मुख्य व्यंजन है।
यह मेला पर्यटन के चरम मौसम के दौरान आयोजित किया जा रहा है और इसके साथ ही बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के आगंतुकों की एक बड़ी संख्या के आकर्षित होने की उम्मीद है । यह आयोजन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने अनूठे, दस्तकारी उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। सौंदर्यता से ओतप्रोत भिन्न भिन्न प्रदेशों की संस्कृति, परिधान, भाषा, एवं पारंपरिक उत्पार्टी का बेजोड़ नमूना इस सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले में देखने को मिलता है । यह अपनी तरह का पहला ऐसा आयोजन होगा । जब सभी 250+ जीआई टैग उत्पाद संभवतः एक ही स्थान पर अपना आकर्षण बिखेरते नजर आ रहे है। ये मेले महिलाओं को उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को विक्रय करने का एक उन्नत मंच उपलब्ध करवाता है। जहाँ ये महिलाए अपनी विक्रय कला को प्रदर्शित कर अपने उत्पादों का श्रेष्ठ मूल्य प्राप्त करती है।
मुख्यमंत्री द्वारा उदयपुर से राष्ट्रीय राज सखी मेला 2024 के साथ साथ राज सखी पोर्टल एवं स्वयं सहायता महिलाओं को राजस्थान महिला निधि के माध्यम से 100 करोड़ के ऋण वितरण करने का सुभारम्भ वर्चुअल उदयपुर से किया गया ।
इस अवसर पर मेला स्थल जवाहर कला केंद्र जयपुर में विभाग के अजय कुमार आर्य परियोजना निदेशक एवं समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे। यह मेला दिनांक 14 से 30 दिसंबर 2024 तक निरंतर संचालित किया जाएगा | दिनांक 15 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा सारस मेले का अवलोकन किया जाएगा ।
राष्ट्रीय राज सखी मेला 2024 में 2000 से अधिक खरीददारी करने वाले ग्राहकों को सुपर लक्की ड्रॉ सैन्ड पाइज़ के तहत ब्रांड न्यू कार एवं लक्की बायर अवॉर्ड के तहत प्रथम प्राइज़ एक्टिवा द्वितीय प्राइज़ लैपटॉप एवं तृतीय पाइज़ एप्पल आई फोन उपहार जीतने का सुनहरा मौका मिलेगा ।
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