आरएसएस की राज्य की चार हजार शाखाओं के सदस्य अधिकांश घरों तक गए। मतदाताओं
की चार श्रेणियां बनाईं। आखिरी श्रेणी कांग्रेस समर्थक मतदाताओं की थी।
इन्हें पूरी तरह छोड़कर बाकी के तीन श्रेणी के मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित
किया गया और उनका मत भाजपा के लिए सुनिश्चित किया गया।
यह
स्पष्ट रणनीति भगवा पार्टी के काम आई और इसका नतीजा रिकार्ड मतदान और
राज्य की कई सीटों पर भाजपा की रिकार्ड जीत के रूप में सामने आया।
भाजपा का वोट शेयर 20 फीसदी बढ़कर विधानसभा चुनाव 2018 के 38.8 फीसदी से
बढ़कर 54.5 फीसदी हो गया। राज्य में कुल 66.12 फीसदी मतदान हुआ जो बीते 67
साल में सर्वाधिक रहा।
(आईएएनएस)
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