जयपुर। 'राइजिंग राजस्थान' ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के उद्घाटन दिवस पर जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में “रीजनल वॉटर सिक्योरिटी-टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेंस” विषयक सत्र आयोजित किया गया।
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सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल की प्रत्येक बूंद अमूल्य है, जल वायु परिवर्तन के कारण रेनफॉल के पैटर्न में बदलाव आया है। दुनिया के कुछ हिस्से पूरी तरह से स्वच्छ पानी से वंचित हैं जबकि कुछ में यह प्रचुर मात्रा में है इसलिए, हमें इन सब से बचने के लिए हमे कुशल जल प्रबंधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल की प्रत्येक बूंद को सहेज कर हम आने वाली पीढियों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। शेखावत कहा कि जल प्रबंधन में अपशिष्ट जल का उपचार, जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग किया जाना वर्तमान समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हमें सिंचाई के लिए जल आवश्यकताओं को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए इस दौरान उन्होंने इज़राइल के ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिस्टम इत्यादि कुशल जल प्रबंधन प्रथाओं की प्रशंसा की।
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य सरकार ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है ताकि राजस्थान इस दृष्टिकोण में योगदान कर सके और प्रमुख निवेश आकर्षित कर सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुशल जल प्रबंधन की दिशा में हर संभव प्रयास कर आने वाली पीढियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित है। रावत ने कहा कि राज्य सरकार संशोधित पीकेसी-एकीकृत ईआरसीपी, यमुना जल एमओयू तथा देवास जैसी परियोजनाओं से भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि हमें जल संरक्षण करने और स्थायी प्रबंधन के माध्यम से प्रत्येक बूंद को बचाने और उपयोग करने का संकल्प लेना चाहिए।
इस दौरान कार्यक्रम में इज़राइल के विदेश मंत्रालय और राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग के बीच जल संसाधन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए तथा राजस्थान सरकार और डेनमार्क दूतावास के बीच सरस्वती पेलियोचैनल के पुनर्जीवन पर सहयोग के लिए लेटर ऑफ इंटेट पर हस्ताक्षर किए गए।
सत्र में उद्योगपतियों, जल संसाधन विशेषज्ञ तथा अतिथियों द्वारा जलवायु परिवर्तन, तेजी से शहरीकरण, जल सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान करने और बढ़ती जल मांग के बीच स्थायी जल प्रबंधन की तत्काल आवश्यकता पर सार्थक चर्चाएं की गई।
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