जयपुर। दुर्गापुरा स्थित डोल का बाग वन क्षेत्र के पेड़ों को बचाने के लिए लोग आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन रीको यहां फिनटेक पार्क बनाने के लिए पेड़ों का कत्ल करने के लिए आमादा है। वन विभाग समेत तमाम एक्सपर्ट ने यह सिफारिश की है कि इतने बड़े ऑक्सीजन हब को बचाने के लिए जरूरी है कि फिनटेक पार्क को कहीं और जगह शिफ्ट किया जाए। यह क्षेत्र इलाके की जनता के लिए ऑक्सीजन हब है जो लोगों के सीधे स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।
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पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले लोगों के आंदोलन को रीको ने मिथ्या और भ्रामक करार दे दिया है। रीको का कहना है कि जिस भूमि पर फिनटेक पार्क को स्थापित किया जा रहा है, उसे वन भूमि के रूप में दुष्प्रचारित किया जा रहा है। रेवेन्यू बोर्ड के अनुसार यह भूमि वन या आरक्षित नहीं है। यह भूमि शुरू से ही निजी खातेदारी की है। रीको की यह बात मान भी ली जाए कि वो वन भूमि नहीं है, लेकिन वहां घने पेड़ तो हैं, जिनको बचाना जरूरी है।
आंदोलन करने वालों का कहना है कि रीको का बयान गुमराह करने वाला है। हमारे तर्कों व आंदोलन के लिए दुष्प्रचार करने जैसे शब्दों का उपयोग किया गया है। हमने वनस्पति विशेषज्ञों से यहां पौधें व पेड़ों की गणना करवाई है। इसमें पाया गया कि यहां 30 से ज्यादा प्रजाति के 2500 पेड़ हैं। इनमें नीम, रोहिड़ा, खेजड़ी इत्यादि और 60 प्रकार की जड़ी बूटियां है। पक्षी विज्ञानियों के मुताबिक इन पेड़ों पर 74 प्रजाति के पक्षी रहते हैं। इनमें दुर्लभ प्रवासी पक्षी भी हैं। अगर यहां पेड़ों का कत्ल किया गया तो इन पक्षियों व कीटों के आशियानें भी उजड़ जाएंगे।
वन विभाग के अधिकारियों ने भी इस वन क्षेत्र को बचाने की सिफारिश करते हुए फिनटेक पार्क को किसी और जगह पर शिफ्ट करने को कहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्क को महिंद्रा सेज में स्थापित किया जा सकता है। उनका कहना है कि हम यहां न पेड़ों का कत्ल होने देंगे और न ही पक्षियों के आशियानें उजड़ने देंगे।
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