जयपुर। जयपुर शहर में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में रहने वाले उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति के लिए वर्तमान प्रावधानोेेें की समीक्षा के लिए जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में शहर में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स परिसर का मिश्रित भू-उपयोग यानि आवासीय एवं गैर आवसीय दोनों प्रकार का उपयोग लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए पेयजल दरों की एक मिश्रित श्रेणी विकसित किए जाने पर विचार किया गया। इस नई प्रस्तावित श्रेणी से प्रक्रिया का सरलीकरण होगा और ऐसे उपभोक्ताओं को लाभ भी होगा।
प्रमुख शासन सचिव वर्मा ने इस सम्बंध में अधिकारियों को जलदाय विभाग के सम्बंधित कार्यालयों से आवश्यक जानकारी और सूचनाएं एकत्रित कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इसके बाद आगामी दिनों में फिर बैठक आयोजित कर इन प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। परिसर का मिश्रित भू-उपयोग यानि आवासीय एवं गैर आवसीय दोनों प्रकार का भू उपयोग लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए इस नई प्रस्तावित मिश्रित श्रेणी में पेयजल दरें समान प्रस्तावित की जाएगी, जो कि वर्तमान आवासीय उपयोग वाली दरों से अधिक और गैर आवासीय दरों से कम होगी।
उल्लेखनीय है कि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स के निर्माण से पहले नक्शे पास कराते समय ऐसे भवनों के लिए जयपुर नगर निगम अथवा जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आधारभूत सुविधाओं में सुधार के लिए बैटरमेंट लेवी चार्ज की जाती है। इस शुल्क में यद्यपि पेयजल सुविधा स्पष्ट रूप से उल्लेखित नही होती, फिर भी इसमें पेयजल सुविधा को भी सम्मिलित माना जाना उचित समझा गया। इस प्रकार बैटरमेन्ट लेवी के रूप में कुल जमा शुल्क का लगभग 1/6 पेयजल सुविधा के लिए मानकर पेयजल शुल्क के विरूद्ध निर्धारित किए जाने वाले वन टाईम चार्जेज में से समायोजित माने जाने पर बैठक में चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि जयपुर शहर में बहुत से मल्टीस्टोरी भवनों का आवासीय एवं व्यवसायिक, दोनों प्रकार से उपयोग लिया जा रहा है और जयपुर नगर निगम अथवा जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा भी इसी प्रकार भवन मानचित्र में दोनों प्रकार के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। इस प्रकार मिश्रित उपयोग में लिये जा रहे परिसरों के लिए पेयजल शुल्क दरोें की एक नई उपभोक्ता श्रेणी बनाई जा सकती है।
प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि प्राथमिक तौर पर पायलट क्षेत्र का चयन कर आवश्यक पेयजल कार्य की राशि का आंकलन करे। साथ ही मल्टीस्टोरी परिसरों द्वारा जमा कराई जा चुकी बैटरमेन्ट लेवी की जानकारी प्राप्त करे और योजना व्यय राशि की रिकवरी में लगने वाले समय का भी आंकलन करे। इसके आधार पर इस विषय में अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।
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