जयपुर, । अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी
नहर परियोजना डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जल संसाधन विभाग एवं आईजीएनपी की
विभिन्न परियोजनाओं में अनावश्यक देरी को गंभीरता से लेते हुए जिन
परियोजनाओं का कार्य पूरा होने की अवधि पूरी हो चुकी है उन्हें 30 सितम्बर
तक की मोहलत देते हुए संबंधित इंजीनियर इंचार्ज को ऐसी फर्मों के खिलाफ
सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पीएचईडी की तर्ज पर उन्होंने जल
संसाधन विभाग में भी लापरवाह फर्मों की रेड लिस्ट तैयार करने के निर्देश
दिए।
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डॉ. अग्रवाल बुधवार को यहां आईजीएनपी
बिल्डिंग में जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर परियोजना एवं सीएडी की 25
करोड़ रूपए से अधिक की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने
कोटा संभाग की 17 एवं हनुमानगढ़ की 10 परियोजनाओं की प्रगति के बारे में
विस्तृत जानकारी ली।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने परवन
वृहद सिंचाई परियोजना प्रथम चरण, तकली मध्यम सिंचाई परियोजना, रामगंज
मंडी, गागरीन मध्यम सिंचाई परियोजना, हथियादेह परियोजना आदि की गति बढ़ाने
के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की विभिन्न परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से,
गुणवत्ता बरकरार रखते हुए पूरी करने के निर्देश दिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि
जो परियोजनाएं टाइम ओवर रने हैं उन्हें 30 सितम्बर तक किसी भी हाल में
प्रगति करके दिखानी होगी। उन्होंने ऐसी फर्मों की सूची बनाने के भी निर्देश
दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने घग्घर नदी में इस
मानसून में अत्यधिक पानी आने से हनुमानगढ़ में बने बाढ़ जैसे हालात के दौरान
स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए जल संसाधन विभाग के अभियंताओं द्वारा
किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए बाढ़ नियंत्रण के संबंध में उठाए गए
कदमों की एक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में इस तरह की
स्थिति बनने पर ये उपाय काम में लाए जा सकें।
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