जयपुर। राजस्थान समेत तीन राज्यों में स्पष्ट बहुमत लेेने के बाद भाजपा ने संगठनात्मक फेरबदल किया है। इसके तहत प्रदेश के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर का तबादला तेलंगाना कर दिया गया है। वे अब वहां प्रदेश संगठन महामंत्री का दायित्व संभालेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले किए गए इस संगठनात्मक फेरबदल के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष सी. पी. जोशी को भी बदला जा सकता है। क्योंकि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहती है। इसलिए जातिय संतुलन बिठाते हुए प्रदेशाध्यक्ष पर जाट समुदाय के किसी नेता को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी ने हालांकि अभी राजस्थान में प्रदेश संगठन महामंत्री की किसी दूसरे को जिम्मेदारी नहीं सौंपी है। लेकिन, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के कहने पर चंद्रशेखर की राजस्थान से विदाई जरूर कर दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों की मानें तो प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखऱ यहां विधानसभा चुनाव के दौरान विवादों में आ गए थे। उनके निकटवर्ती लोगों पर टिकट दिलाए जाने के नाम पर पैसे मांगने के खुले आरोप लगे थे। आंतरिक तौर पर उनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ रिश्तों में काफी खटास आ गई थी। हालात यह बने थे कि पूनिया ने पार्टी कार्यालय आना कम कर दिया औऱ घर से ही संगठन का काम देखने लगे थे।
पूर्व सीएम वसुंधराराजे को राजस्थान की राजनीति में हाशिए पर लाने में भी प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की हील भूमिका बताई जा रही है। इसलिए विरोधी गुट के लोगों ने संगठन महामंत्री के खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व को शिकायतों का अंबार लगा दिया था। हालांकि एक-दो दिन पहले ही एक गुट की ओर से मीडिया में इस तरह की खबरें प्लांट कराई गई थीं कि राजस्थान से चंद्रशेखर का मन भर गया है और वे केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर नई जिम्मेदारी लेने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
भजनलाल को सीएम बनाने में अहम भूमिकाः
इधर, पार्टी सूत्रों की मानें तो तीन अध्यक्षों के साथ प्रदेश महामंत्री रह चुके भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की अहम भूमिका मानी जा रही है। क्योंकि भजनलाल चंद्रशेखर के जरिए ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के संपर्क में आए थे। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के निर्देश पर उन्होंने मथुरा जिले के गोवर्धन में भूपेंद्र यादव को परिक्रमा करवाने का जिम्मा संभाला।
भजनलाल ने उन्हें 11 परिक्रमा करने पर फल मिलने के बारे में बताया। लेकिन, 2-3 परिक्रमा में ही भूपेंद्र यादव संगठन के रास्ते प्रभारी और केंद्रीय मंत्री तक पहुंच गए। इससे उनका विश्वास बढ़ा तो उन्होंने भजनलाल को जेपी नड्डा से मिलवाया। गोवर्धन परिक्रमा के फल से ही नड्डा को कार्यकाल का विस्तार मिला। फिर नड्डा ने भजनलाल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलाया। शाह के संपर्क में आने के भजनलाल उनका भरोसा जीतने में कामयाब हो गए और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए।
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