|
जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने "द ग्रीन्स" नामक आवासीय प्रोजेक्ट के डेवलपर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कई उल्लंघनों के लिए 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और फ्लैट मालिकों के अधिकारों की बहाली के निर्देश दिए हैं। ग्रीन रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दायर शिकायत पर सुनवाई करते हुए, RERA की अध्यक्ष वीनू गुप्ता ने 23 जून, 2025 को यह आदेश पारित किया।
शिकायतकर्ता सोसाइटी, जो राजस्थान सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1958 के तहत पंजीकृत है, ने आरोप लगाया था कि डेवलपर्स ने बिना वैध पूर्णता प्रमाण पत्र (CC) और अधिभोग प्रमाणपत्र (OC) प्राप्त किए आवासीय इकाइयों का भौतिक कब्जा सौंप दिया। इसके अलावा, परियोजना को अधिनियम की धारा 3 के तहत पंजीकृत करने में भी विफल रहे। सोसायटी ने अधिनियम की धारा 3, 14, 17 और 19 के उल्लंघन का आरोप लगाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिकायत में यह भी बताया गया कि डेवलपर्स ने स्वीकृत ले आउट योजना के विपरीत, क्लिनिक, VRV प्लांट और एक वाणिज्यिक जिम जैसी अनाधिकृत संरचनाओं का निर्माण करके सामान्य क्षेत्रों का दुरुपयोग किया है। सबसे गंभीर आरोप यह था कि बिक्री विलेख में केवल चार मंजिलों तक के निर्माण की अनुमति होने के बावजूद, पांचवीं मंजिल का अवैध निर्माण किया गया। साथ ही, डेवलपर्स ने कॉर्पस फंड और सामान्य क्षेत्रों को सोसाइटी को हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया और जिम व छत क्षेत्रों तक पहुंच से भी वंचित कर दिया।
प्रतिवादियों के वकील ने शिकायत की प्रयोज्यता पर सवाल उठाया था, जिसे प्राधिकरण ने 13.01.2025 के अपने आदेश से खारिज कर दिया था । 02.06.2025 को गुणों के आधार पर सुनवाई हुई। यह उल्लेखनीय है कि प्रतिवादी ने सामान्य क्षेत्र, छत और जिम आदि से संबंधित आरोपों का खंडन करने के लिए कोई जवाब दाखिल नहीं किया था, और सुनवाई की तारीख पर उनके वकील द्वारा कोई संतोषजनक तर्क प्रस्तुत नहीं किए गए।
प्राधिकरण ने अवलोकन में पाया कि डेवलपर्स अधिनियम की धारा 3 के तहत परियोजना को पंजीकृत करने में विफल रहे और अनिवार्य CC और OC प्राप्त किए बिना कब्जा सौंप दिया। यह अधिनियम की धारा 3, 11(4), 14, 17 और 19 का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके लिए धारा 59(1) के तहत दंडात्मक प्रावधान लागू होते हैं। इसके अतिरिक्त, पांचवीं मंजिल सहित अनाधिकृत संरचनाओं का निर्माण और सामान्य क्षेत्रों में बदलाव स्वीकृत ले आउट योजना और आवंटियों के अधिकारों का उल्लंघन है।
हालांकि, RERA ने यह भी नोट किया कि गैर-पंजीकरण के मुद्दे पर डेवलपर ने रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल (REAT) में अपील दायर की है, जिसने 04.03.2025 के आदेश से 25.11.2024 के पूर्ववर्ती आदेश पर रोक लगा दी है। इसलिए, RERA ने गैर-पंजीकरण के मुद्दे पर आगे बढ़ने से परहेज किया है जब तक कि यह रोक हट नहीं जाती। लेकिन, प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि वह अन्य मुद्दों पर कार्रवाई जारी रख सकता है, क्योंकि अपील केवल गैर-पंजीकरण से संबंधित है।
नतीजतन, अधिनियम की धारा 17, 14(1) और 11(4) के उल्लंघनों के मद्देनजर, RERA ने डेवलपर को निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:- अनाधिकृत संरचनाएं, जिनमें क्लिनिक, VRV प्लांट और वाणिज्यिक जिम शामिल हैं, को 30 दिनों के भीतर हटाना या स्वीकृत लेआउट योजना के अनुरूप संशोधित करना होगा । डेवलपर्स को 90 दिनों के भीतर बिक्री विलेखों के अनुसार वादा किया गया क्लब हाउस और स्टोर का निर्माण करना होगा । छत और जिम क्षेत्रों तक पहुंच 15 दिनों के भीतर बहाल करनी होगी।
कॉर्पस फंड और सामान्य क्षेत्रों को 30 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता सोसाइटी को हस्तांतरित करना होगा।
जब तक पूर्ण अनुपालन नहीं हो जाता, तब तक डेवलपर्स को शिकायतकर्ता सोसाइटी के सामान्य क्षेत्रों और सुविधाओं के उपयोग के अधिकारों में हस्तक्षेप करने से रोका गया है। डेवलपर्स को इस आदेश की तारीख से तीस (30) दिनों के भीतर सहायक दस्तावेजों के साथ एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। इसके अतिरिक्त, अधिनियम की धारा 61 के तहत उपरोक्त उल्लंघनों के लिए 5.00 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसे आदेश अपलोड होने के 45 दिनों के भीतर जमा करना होगा।
एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा, उड़ान के बाद दोनों इंजन हुए थे बंद; पायलट ने कहा था, ‘मैंने नहीं किया’
दिल्ली: वेलकम इलाके में चार मंजिला इमारत ढही, मलबे से अब तक तीन लोग सुरक्षित निकाले गए,कई लोगों के दबे होने की आशंका
अमरनाथ यात्रा : 1.63 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन
Daily Horoscope