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RERA का कड़ा रुख : मनमाने ढंग से किया गया फ्लैट आवंटन रद्द, खरीदार को ब्याज सहित कब्जा देने का आदेश

RERAs tough stand: Arbitrary flat allotment cancelled, order to give possession to buyer with interest - Jaipur News in Hindi

जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाते हुए, एक खरीदार का फ्लैट आवंटन रद्द करने के बिल्डर के फैसले को अवैध ठहराया है। यह मामला गोविंद कृपा इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (प्रवर्तक) और खरीदार वर्षा शर्मा के बीच का था, जिसमें रेरा ने प्रवर्तक द्वारा जारी किए गए रद्दीकरण पत्र को रद्द कर दिया और उसे ब्याज के साथ खरीदार को फ्लैट का कब्जा देने का निर्देश दिया है। रेरा सदस्य सुधीर कुमार शर्मा की पीठ ने पाया कि गोविंद कृपा इन्फ्राटेक ने अपने प्रोजेक्ट 'GKB'S GRACE' में फ्लैट नंबर 504 के लिए खरीदार वर्षा शर्मा को दिया गया रद्दीकरण नोटिस गैरकानूनी था। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बिल्डर ने नियमों का उल्लंघन करते हुए, कंप्लीशन सर्टिफिकेट (28.06.2023 को मिला) और ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (11.06.2024 को मिला) प्राप्त करने से पहले ही, 10.04.2023 को मांग पत्र और कब्जे का ऑफर जारी कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान, खरीदार वर्षा शर्मा के वकील ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने उनकी सहमति के बिना फ्लैट का बिल्ट-अप एरिया 486.28 वर्ग फीट से बढ़ाकर 721.37 वर्ग फीट कर दिया, जिससे फ्लैट की कीमत ₹21,08,768 से बढ़कर ₹27,14,250 हो गई । यह वृद्धि लगभग 29% की थी। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि बिल्डर द्वारा भेजे गए कथित मांग पत्र और रद्दीकरण नोटिस कभी उन्हें प्राप्त नहीं हुए और ये जाली दस्तावेज थे।
बिल्डर के वकील ने दावा किया कि खरीदार ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया, जिसके कारण आवंटन रद्द किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने खरीदार के होम लोन खाते में ₹2,86,088 का भुगतान किया है, जिसे कुल जमा राशि से काट दिया जाना चाहिए। रेरा ने अपने फैसले में बिल्डर के सभी तर्कों को खारिज कर दिया।
रेरा ने माना कि बिल्डर द्वारा प्री-ईएमआई के रूप में भुगतान की गई राशि को कुल जमा राशि से नहीं हटाया जा सकता, क्योंकि यह राशि बिल्डर द्वारा खुद की देरी के कारण दी गई थी। प्राधिकरण ने यह भी पाया कि रद्दीकरण पत्र जारी होने तक खरीदार ने फ्लैट की कुल कीमत का 75% से अधिक भुगतान कर दिया था। बिल्डर के देरी के लिए 'अप्रत्याशित' कारणों (जैसे बजरी पर प्रतिबंध) के दावों को भी रेरा ने अपर्याप्त सबूत के कारण खारिज कर दिया । इन सभी निष्कर्षों के आधार पर, रेरा ने बिल्डर द्वारा जारी रद्दीकरण पत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
रेरा ने बिल्डर को 10.90% की ब्याज दर से खरीदार को ब्याज का भुगतान करने का भी आदेश दिया। इस ब्याज को खरीदार द्वारा देय शेष राशि में समायोजित किया जाएगा, जिसके बाद बिल्डर को एक नया, वैध कब्जा पत्र जारी करना होगा और सेल डीड को निष्पादित करना होगा। इस आदेश का पालन 45 दिनों के भीतर किया जाना है। यह फैसला दर्शाता है कि रेरा, बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ खरीदारों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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Web Title-RERAs tough stand: Arbitrary flat allotment cancelled, order to give possession to buyer with interest
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