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जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने "वृंदावन हाइट्स अपार्टमेंट" प्रोजेक्ट के डेवलपर्स नवीन कोगटा और अन्य पर नियमों की धज्जियां उड़ाने के आरोप में कड़ा रुख अपनाया है। RERA की अध्यक्ष वीनू गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए डेवलपर्स पर रजिस्ट्रेशन शुल्क का दोगुना जुर्माना ठोका है।
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डेवलपर्स के वकील मितेश राठौर ने 10 मार्च 2025 को अपना जवाब दाखिल करते हुए दावा किया कि उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए कोई प्रचार या मार्केटिंग गतिविधि नहीं की है। उन्होंने 13 फरवरी 2025 को एक हलफनामा भी पेश किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने प्रोजेक्ट की किसी भी इकाई के लिए आवंटियों से कोई अग्रिम भुगतान या बुकिंग स्वीकार नहीं की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने RERA रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने का दावा किया, जिसका एप्लिकेशन नंबर RAJ-RERA-APP-P-2025-10328 है।
उन्होंने "PLOTMART" के साथ किसी भी संबंध से इनकार किया और नोटिस को पूरी तरह से खारिज करने की मांग की।
हालांकि, RERA ने डेवलपर्स के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान, सूचनाकर्ता ने फेसबुक पर प्रोजेक्ट के विज्ञापन की बात कही। लेकिन, कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया गया। PLOTMART ने भी एक पत्र में कहाकि वे रियल एस्टेट एजेंट, ब्रोकर या प्रमोटर नहीं हैं और प्रोजेक्ट का ब्रोशर एक फ्रीलांसर द्वारा अपलोड किया गया था।
सुनवाई के बाद RERA ने अपने आदेश में कहा कि डेवलपर्स ने अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन किया है, क्योंकि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट को अथॉरिटी के साथ पंजीकृत नहीं कराया। डेवलपर्स का यह तर्क कि उन्होंने PLOTMART पर अपने प्रोजेक्ट का विज्ञापन या विपणन नहीं किया, टिकाऊ नहीं है, क्योंकि कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रमोटर की सहमति के बिना किसी उत्पाद का विज्ञापन नहीं करेगा। यदि PLOTMART ने ऐसा किया भी था, तो प्रमोटर डेवलपर्स को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
इसके अलावा, RERA ने यह भी नोट किया कि डेवलपर्स ने 18 फरवरी 2025 को प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया, जो 30 जनवरी 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद है। इसलिए, डेवलपर्स अधिनियम की धारा 3 के उल्लंघन के लिए धारा 59 के तहत जुर्माना भरने के लिए उत्तरदायी हैं, जो रजिस्ट्रेशन शुल्क का दोगुना होगा।
RERA का यह कड़ा फैसला रियल एस्टेट माफिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अथॉरिटी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी भी तरह का विज्ञापन या मार्केटिंग प्रमोटर की सहमति के बिना संभव नहीं है, और यदि ऐसा होता है, तो प्रमोटर को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। ….रेरा का आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए।
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