जयपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी आईएएस बी. बी. मोहंति को दुष्कर्म के एक मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। करीब 10 साल बाद वे दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप से बरी हुए हैं। उनके खिलाफ करीब एक दशक पहले मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की छात्रा ने उनके खिलाफ जयपुर के महेश नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
आईएएस बी बी मोहंती के वकील भंवर सिंह चौहान ने बताया कि अदालत के आदेश से 25 जनवरी, 2014 को IPC की धारा-376 (2)(N) के तहत मोहंती के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। पीड़िता ने इस एफआईआऱ में 17 फरवरी, 2013 से लगातार दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। उसका आऱोप था कि IAS परीक्षा की तैयारी कराने और शादी करने का झांसा देकर मोहंती ने भरतपुर, चैन्नई, उदयपुर, गुड़गांव सहित अन्य कई स्थानों पर ले जाकर उसके साथ ज्यादती की। इतना ही नहीं ज्यादती के बारे में किसी को नहीं बताने का दवाब बनाने के लिए उसे डराया-धमकाया भी था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एडवोकेट भंवर सिंह चौहान के मुताबिक इस मामले में आईएएस बीबी मोहंती ने 20 सितंबर, 2017 को आत्मसमर्पण किया था। पोक्सो कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद जज नरेन्द्र सिंह मालावत ने माना कि घटना के समय पीड़िता बालिग थी। वह अपने अच्छे-बुरे के बारे में अच्छी तरह समझती थी। उसी समय वह कहीं भी अपना विरोध दर्ज करवा सकती थी। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। इससे लगता है कि पीड़िता ने आईएएस बीबी मोहंती के साथ सहमति से संबंध बनाए होंगे। ऐसे में मोहंती के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनना पाया जाता है। कोर्ट ने मोहंती को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।
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