जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य सरकार द्वारा मास्टर प्लॉन के स्थान पर रीजनल व अरबन प्लानिंग बिल लाये जाने की तैयारी की कड़े शब्दों में निन्दा की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि गत कुछ समय से प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा मास्टर प्लान के खिलाफ जाकर हुए निर्माणों का नियमन किये जाने को लेकर माननीय न्यायालय ने कठोर आपत्ति व्यक्त की है और अनेकों बार नियमों के विपरीत जाकर सरकार व निकायों के स्तर पर भू-उपयोग परिवर्तन किये जाने को न्यायालय ने पूरी तरह से गलत करार दिया है।
माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 35 बिन्दुओं के आधार पर अतिक्रमणों के नियमन व भू-रूपान्तरण पर रोक लगाई गई है जिसका तोड़ निकालने के लिए फिर एक बार गैर कानूनी काम को संरक्षण देने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार रीजनल व अरबन प्लानिंग बिल लाने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस रीजनल व अरबन प्लानिंग बिल के लागू होने के बाद अनियोजित विकास को गति मिलेगी व भू-उपयोग परिवर्तन भी आसानी से किया जा सकेगा और स्थानीय निकायों, पंचायतों, यूआईटी व प्राधिकरणों के भू-रूपान्तरण के अधिकारों पर भी कुठाराघात होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले काले कानून के माध्यम से भ्रष्ट लोगों को संरक्षण देने का रास्ता निकालने की कोशिश की थी और अब इस बिल को लाने की तैयारी कर सरकार सरकार शहरी नियोजन के साथ खुला खिलवाड़ कर भू-माफियाओं व अतिक्रमण करने वालों के रास्ते की बाधाएं खत्म करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने राजधानी के पृथ्वीराज नगर सहित इकोलोजिकल जोन में हुए अवैध कब्जों व निर्माणों के लिए नोटिस जारी किये हैं लेकिन न्यायालय की रोक के बावजूद जेडीए के माध्यम से न्यायालय की अवमानना जारी है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार के अधीन काम करने वाला प्रशासन न्यायालय के निर्देशों की अवमानना कर सकता है तो रीजनल व अरबन प्लानिंग बिल के लागू होने के बाद पूरे प्रदेश में अनियोजित विकास शुरू हो जायेगा और हरित पट्टी व गौचर भूमि तक नहीं बचेगी।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी सरकार द्वारा जिला कलेक्टर्स की आपत्तियों के बावजूद सिवाय चक भूमि पर खनन पट्टे देने का अवैधानिक फैसला लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार की उक्त सभी नीतियां पर्यावरणीय संरक्षण के खिलाफ है और बेशकीमती जमीनों को खुर्द-बुर्द करने के लिए लक्षित है। उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता छोडक़र मास्टर प्लॉन की अनुपालना करनी चाहिए और उक्त रीजनल व अरबन प्लानिंग बिल को लाने का विचार छोड़ देना चाहिए।
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