जयपुर/भरतपुर। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में परम्परागत चिकित्सा प्रणालियों के विकास एवं विस्तार के लिए निरन्तर महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर में यूनानी चिकित्सा के अन्तर्गत रेजिमेंटल हिजामा थेरेपी का उत्कृष्टता केंद्र खोले जाने की मंजूरी दी है। साथ ही, केंद्र के संचालन के लिए 11 नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्र के संचालन के लिए प्रमुख चिकित्साधिकारी यूनानी, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी यूनानी ग्रेड-प्रथम, लेबोरेट्री टेक्नीशियन और कनिष्ठ सहायक का 1-1 पद, चिकित्साधिकारी यूनानी के 2, कनिष्ठ यूनानी नर्स/कम्पाउंडर के 5 पदों सहित कुल 11 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा।
परिचारक, वार्डबॉय, मसाजर, चौकीदार/गार्ड, स्वीपर/जमादार की सेवाएं आउटसोर्स के माध्यम से संविदा पर ली जाएगी। केंद्र के लिए 10 लाख रुपए लागत से आवश्यक फर्नीचर एवं उपकरणों की खरीद की जाएगी। प्रारम्भिक संचालन राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध भवनों में किया जाएगा। गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। उत्कृष्टता केन्द्र से स्थानीय लोग रेजिमेंटल हिजामा थेरेपी का लाभ ले सकेंगे।
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