जयपुर । राज्य मंत्रिमण्डल ने मकान के पट्टे और नगरीय निकायों से जुड़ी आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए 10 मई से 10 जुलाई तक मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के तहत शिविरों के आयोजन को मंजूरी दी है। इसके तहत कृषि भूमि, सरकारी विभागों की भूमि पर बसी भू-आवासीय कॉलोनियों को नियमन होगा। इसके तहत 23 प्रकार की मुख्य गतिविधियां होगी और 11 प्रकार की छूट राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी। बैठक के बाद ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के शिविरों के तहत नियमों और हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही भू-आवासीय कॉलोनियों का नियमन होगा और जरूरत पड़ने पर नियमों में संशोधन भी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बकाया लीज मनी और नगरीय विकास कर को लेकर भी इस अभियान के तहत छूट दी जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ ने बताया कि अगर कोई 90 वर्गमीटर तक का भूखंड जो बिना सैटबैक के बना हुआ है उसका भी पट्टा जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई कॉलोनी वन विभाग, हाऊसिंग बोर्ड या अन्य विभागों की भूमि पर बसी है, तो संबंधित विभागों से एनओसी लेकर ऐसी कॉलोनियों का भी नियमन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घूमंतू जाति के लोगों को राज्य सरकार 50 वर्गगज भूमि का पट्टे भी इस अभियान के तहत देगी।
राठौड़ ने बताया कि व्यापक जनहित को देखते हुए इस योजना में पुरानी आवासीय कॉलोनियों के वर्षों से बकाया पट्टे प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए जारी किए जाएंगे। जिन खातेदारों ने शहरों के परिधि क्षेत्र में अपनी भूमि पर 500 वर्ग मीटर तक के निवास बना रखे हैं, उनका निःशुल्क नियमन किया जाएगा। जहां खातेदारों ने अपनी भूमि पर भूखण्ड काटे हैं लेकिन खातेदार की रूचि इन भूखण्डों का नियमन कराने में नहीं है तो वहां भी काबिज भूखण्डधारियों के नाम पंजीकृत या अपंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर रियायती दर पर नियमन किया जाएगा। स्टेट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लिए 1 जनवरी 1965 के बजाय 1 जनवरी 1990 तक के कब्जों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए 1 जनवरी 1985 के बजाय 1 जनवरी 1996 तक के कब्जों के पट्टे जारी किए जा सकेंगे। शिविरों में प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए नगरीय निकायों की शक्तियां एम्पावर्ड कमेटी को दी जा रही हैं। साथ ही जिन भूखण्डधारियों ने पहले नियमन शिविरों में पट्टा नहीं लिया है उन्हें एक मुश्त केवल 25 प्रतिशत प्रीमियम राशि अतिरिक्त देने पर पट्टे दिए जाएंगे। खांचा भूमि के आवंटन की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 150 वर्ग गज कर दी गई है। लीज राशि एवं नगरीय विकास कर की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान करने पर ब्याज में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी।
दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर सितम्बर-2017 में
कैबिनेट के अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए राठौड़ ने बताया कि राजस्व लोक सेवा अभियान का शुभारंभ आगामी 8 मई से 30 जून तक होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर इसके लिए शिविरों का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में पहली बार चले अभियान में 16000 शिविरों का आयोजन हुआ था, जिसमें 21 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया था। वहीं वर्ष 2016 में 12387 शिविरों का आयोजन हुआ था, जिसमें 48 लाख से अधिक राजस्व मामलों का निस्तारण हुआ था। उन्होंने बताया कि अब 8 मई जो अभियान शुरू होगा, उसमें 15 सरकारी विभाग भी अपने बूथ लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करेंगे। इस अभियान के तहत रास्ते संबंधी विवादों को दूर किया जाएगा साथ ही नामांतरण, अभिलेखों का शुद्धिकरण होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत विशेष जनयोग्य शिविरों का आयोजन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में इस साल सितंबर महीने में आयोजित होंगे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश में 15 लाख 63 हरजार 694 विशेषजन योग्य है। जिसमें से 3 लाख 91 हजार 831 लोग पेंशन का लाभ उठा रहे है। इस अभियान के तहत पेंशन से वंचित विशेषजनयोग्य लोगों को जोड़ा जाएगा और शिविर के लिए यह लोग ई-मित्र या अटल सेवा केंद्र से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इसके अलावा शिविरों में उपकरण देने के अलावा विशेषजनयोग्य लोगों को बीमारी को भी चिह्नित किया जाएगा। बीमारी के उपचार का खर्चा राज्य सरकार उठायेगी।
राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान विधि (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1981 में संशोधन का अनुमोदन किया गया है। इसके तहत संयुक्त विधि परामर्शी के पद पर पदोन्नति के लिए उप विधि परामर्शी के पद पर 5 वर्ष के अनुभव को घटाकर 3 वर्ष और सेवा में सम्मिलित पद पर कुल 18 वर्ष की सेवा के अनुभव का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार उप विधि परामर्शी के पद पर पदोन्नति के लिए सहायक विधि परामर्शी के पद पर 5 वर्ष के अनुभव को घटाकर भी 3 वर्ष किया गया है। इस संशोधन से रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने की कार्यवाही पूर्ण होगी।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में हैण्डपम्प से पीएनटी योजना में परिवर्तन के लिए टोंक जिले के ग्राम हरभावंता के लिए ग्रामीण जल योजना की कार्योत्तर स्वीकृति जारी करने का निर्णय लिया गया। यह योजना पूर्ववर्ती सरकार के अन्तिम 6 माह के कार्यकाल में स्वीकृत की गई थी। इसकी अनुमानित लागत 99.93 लाख रुपये थी। वर्तमान सरकार के पुनरीक्षण में यह योजना निरस्त कर दी गई थी लेकिन जनता की मांग एवं ग्रामवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस योजना को पुनः स्वीकृत कर कार्य पूर्ण कराया गया।
विप्र फाउण्डेशन को मानसरोवर में 1986 वर्ग मी. भूखण्ड आवंटन
राठौड़ ने बताया कि बैठक में विप्र फाउण्डेशन संस्था को आवासन मण्डल की मानसरोवर योजना के सेक्टर-5 में 1986 वर्ग मीटर का भूखण्ड संस्थानिक की आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर आंवटित करने का निर्णय लिया गया। संस्था इस भूखण्ड पर अनुसंधान, कौशल विकास एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण करेगी। बैठक में हरे कृष्णा मूवमेंट, जयपुर (ट्रस्ट) को मुकुंदरा विहार आवासीय योजना, कोटा में 8516 वर्गमीटर का भूखण्ड आरक्षित दर के 25 प्रतिशत पर आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया। संस्था यहां कम्यूनिटी किचन, थियेटर फोर परफॉरमिंग आर्ट, नशामुक्ति केन्द्र, योगा हॉल, हैरिटेज एक्सपो, चरित्र निर्माण केन्द्र आदि का निर्माण करेगी। उक्त दोनों संस्थाएं उद्देश्य के अतिरिक्त कोई गतिविधि संचालित करेगी तो उनका आवंटन निरस्त किया जा सकेगा।
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