जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अभिनव पहल पर दिल्ली में
विभिन्न राज्यों की संस्थाओं के प्रतिनिधियों को स्वाधीनता दिवस के मुख्य
राष्ट्रीय समारोह का साक्षी बनने के लिए पहली बार ऎतिहासिक लाल किला पर
आमंत्रित किया गया। करीब 22 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधि इन ऎतिहासिक
क्षणोें के साक्षी बने। प्रधानमंत्री की इस पहल का सभी ने मुक्त कंठ से
प्रशंसा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मौके पर दिल्ली में प्रवासी
राजस्थानियो की विभिन्न संस्थाओं के 50 प्रतिनिधि राजस्थानी वेशभूषाओं में
सजधज कर समारोह में शामिल हुए तथा स्थल पर बनाये गए राज्यो की विशेष दीर्धा
में बैठ कर लाल किले के प्राचीर से दिए गए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र
मोदी के संबोधन को सुना। राजस्थान सूचना केन्द्र के अतिरिक्त निदेशक गोपेन्द्रनाथ भट्ट राजस्थानी दल के साथ सम्पर्क अधिकारी थे।
राजस्थान
वेलफेयर मंच के अध्यक्ष शिवशंकर पलारिया,राजस्थान क्लब के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, राजस्थान एकेडमी के अध्यक्ष गौरव गुप्ता,राजस्थान
वागड़ परिषद की श्रीमती नीति और इन संस्थाओं के अन्य पदाधिकारियो ने बताया
कि 71 वें स्वतंत्रता दिवस में शामिल होने तथा अपने राज्य का प्रतिनिधित्व
करने पर उन्हें अपार खुशी व गर्व की अनुभूति हुई।
समारोह स्थल पर राजस्थानी की रंगबिरंगी पगड़ी और साफा तथा परिधानों के साथ ही जय हिंद और जय जय राजस्थान के जोशीले नारो की गूंज रही। सभी
प्रतिनिधिगण इस बात से भी प्रफुल्लित थे कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी ने भी राजस्थान का बहुरंगी साफा पहन कर राष्ट्र को संबोधित किया।
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