जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जनसुनवाई में आने वाले प्रकरणों को विभागवार छांटकर संबंधित कलक्टर से इनकी जानकारी मांगी जाए कि उनके स्तर पर इन प्रकरणों का निस्तारण क्यों नहीं हुआ। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक उपखण्ड अधिकारी अपनेे क्षेत्र में आमजन की शिकायतों को पूरी गम्भीरता से सुनें ताकि छोटे-छोटे मामलों में लोगों को राजधानी तक चक्कर नहीं काटने पड़े। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीएम राजे शनिवार को 8, सिविल लाइन्स पर भरतपुर संभाग की जनसुनवाई कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों के निस्तारण के लिए विभिन्न स्तरों पर जिम्मेदारी तय की गई हैं और इस व्यवस्था की सभी कड़ियां आपस में जुड़ी हुई हैं। किसी भी कड़ी के कमजोर पड़ने पर पूरी व्यवस्था सही प्रकार से काम नहीं कर पाएगी और लोगों को राहत देने में मुश्किल होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसुनवाई में आने वाले प्रकरणों की रेंडम चेकिंग होगी। ताकि आमजन की शिकायतों को दूर करने में किसी तरह की लापरवाही न हो।
मुख्यमंत्री ने भरतपुर, धौलपुर, करौली तथा सवाई माधोपुर जिलों से आए लोगों की समस्याएं पूरी आत्मीयता और संवेदनशीलता से सुनी। उन्होंने जनसुनवाई के दौरान राजस्व, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी, बिजली, खान, ग्रामीण विकास, पुलिस एवं स्थानीय निकायों से संबंधित मामलों में तत्काल ही मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि जनसुनवाई में आए लोगों को राहत मिल सके।
राजस्व परिवादों का निस्तारण तीव्र गति से हो
सीएम राजे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा न्याय आपके द्वार अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर तक लगाई गई राजस्व लोक अदालतों से अतिक्रमण तथा राजस्व सम्बन्धी अन्य परिवादों का बड़ी संख्या में निस्तारण हुआ है। फिर भी वर्षों से लम्बित राजस्व परिवादों की संख्या को देखते हुए जिला कलक्टरों को इनके निस्तारण में तेजी लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कलक्टरों के लिए निर्देश दिए कि अवैध खनन एवं चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के मामलों को गम्भीरता से लें तथा नियमानुसार त्वरित कार्यवाही करें।
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