जयपुर। एक बार फिर दहल गया जयपुर। रामगंज इलाके में शुक्रवार को हुए उपद्रव में लापरवाही किसी भी स्तर पर रही हो, लेकिन खमियाजा भुगतना पड़ रहा है पूरे जयपुर को। गुलाबी नगरी में दस साल पहले वर्ष 2008 में बम धमाके होने के बाद कर्फ्यू लगा था। बाद में सांगानेर में हुए उपद्रव के बाद वर्ष 2013 में कर्फ्यू लगा। इस बार पुलिस प्रशासन के पास तमाम संसाधन होने के बावजूद पुलिस स्थित पर नियंत्रण नहीं रख सकी और एक बार फिर जयपुर कर्फ्यू की गिरफ्त में आ गया। शनिवार तड़के से शुरू हुआ कर्फ्यू रविवार को भी जारी रहा। लोग आम जरूरत की वस्तुओं के लिए तरसने लगे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खास बात यह है कि पुलिस के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार रात रामगंज में हुए उपद्रव के दौरान 12 राउंड हवाई फायर किए गए और 14 आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन सोशल मीडिया पर वारयल हुए वीडियो और फोटो स्थित की भयावहता को बयां कर रहे हैं। उपद्रवी पथराव करते रहे और 30 दोपहिया व चौपहिया वाहनों को तोड़ा जाता रहा और कुछ वाहनों में आग लगा दी।
चौंकाने वाली बात यह है कि थाना इलाके में विवाद शुरू होने के बाद क्या पुलिस को इसका पता नहीं चला। रामगंज जैसे संवेदनशील इलाका वैसे भी पुलिस की नजर में रहता है, पुलिस इस मामले से भी अनजान नहीं थी। पुलिस को मामले की जानकारी तो मिल रही थी, लेकिन कार्रवाई करने पर हालात बिगड़ने की आशंका से कार्रवाई नहीं कर रही थी, लेकिन पुलिस का अंदेशा सच साबित हुआ। भीड़ और हंगामे पर नियंत्रण के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। हंगामे में एक व्यक्ति की जान चली गई।
परिजनों ने शव लेने से कर दिया इनकार
हंगामे में एक युवक आदिल की मौत हुई। एसएमएस अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराने की तैयारी तो पूरी है, लेकिन युवक आदिल के परिजनों ने सरकार से एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने समेत चार मांगें की और मांगें नहीं माने जाने तक परिजनों ने आदिल का शव लेने से मना कर दिया है। अब पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती शांति से सुपुर्द-ए-खाक करवाने की है।
धारा 144 लागू थी, फिर भी थाने के बाहर जुट गए लोग
पड़ताल में सामने आया कि डीसीपी नॉर्थ ने 19 अगस्त को एक आदेश जारी कर नॉर्थ जिले में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बाद भी रामगंज थाने के बाहर और बाजार में दो हजार से ज्यादा लोग जमा हो गए। सवाल यह है कि जब इलाके में 144 लागू हो रखी थी तो पुलिस ने लोगों को जमा क्यों होने दिया?
अभय कमांड सेंटर और ट्रैफिक कंट्रोल रूम के कैमरों के बावजूद शीघ्र नहीं उठाया कदम
रामगंज चौपड़ पर हाईविजन कैमरे लगे हैं। ये सीधे अभय कमांड सेंटर से जुड़े हैं। कुछ कैमरे ट्रैफिक कंट्रोल रूम से भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में जब थाने पर लोग जमा हो गए तो अभय कमांड सेंटर व पुलिस कंट्रोल रूम ने कोई कदम नहीं उठाया। पुलिस उसी समय कोई कदम उठा लेती तो इतना बड़ा बवाल होने से रोका जा सकता था और एसटीएफ, आरएसी और सीआरपीएफ की टीमों को भी नहीं बुलाना पड़ता।
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