जयपुर। राजसिको अध्यक्ष मेघराज लोहिया राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा हाल ही राज्य के उद्योगों को बिना अनुमति पेट्रोलियम प्रोडक्ट (पेट कोक) इस्तेमाल नहीं किए जाने के निर्णय पर पर्यावरण विभाग में पक्ष रखेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोहिया ने कहा कि पूरे देश का 90 फीसदी लाइम का उत्पादन राजस्थान में होता है। यहीं से देश के अन्य हिस्सों और विदेशों में निर्यात होता है। स्टील, एल्यूमिनियम, शुगर जैसी कई चीजों के उत्पादन में लाइम का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से उद्योगों पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हाल ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फैसला लिया है कि जो उद्योग पेट्रोलियम प्रोडक्ट (पेट कोक) को इस्तेमाल करते हैं, वे सभी दो माह के बाद बिना अनुमति के पेट कोक काम में नहीं ले पाएंगे। इस निर्णय से प्रदेश के कई उद्योग बर्बाद हो जाएंगे। राज्य में कृषि के बाद लाइम स्टोन सबसे बड़ा उद्योग है, ऐसे में उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस उद्योग से हजारों लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ है। लाइम स्टोन पर्यावरण में फैले सल्फर को भी सोखकर पर्यावरण को सुरक्षित करता है, नुकसान नहीं पहुंचाता है। इस संबंध में राजस्थान लाइम मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पर्यावरण एवं खनिज सचिव से भी मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है। इस दल में महेंद्र पीती, नरपतसिंह राजपुरोहित, ओमप्रकाश लाखोटिया समेत अन्य लोग शामिल थे।
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