जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में 3 अक्टूबर, 2017 से आयोजित किसान न्याय पदयात्रा की शुरूआत बारां जिले से प्रात: 11 बजे होगी। यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता पायलट के साथ 4 दिवसीय यात्रा में 100 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। यात्रा का समापन विशाल किसान सभा में झालावाड़ जिले में होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि हाड़ौती क्षेत्र में भाजपा के राज में किसानों की सबसे ज्यादा दुर्दशा हुई है मुख्यमंत्री जिस क्षेत्र से निर्वाचित होती है उसके पिड़ावा में जिस किसान भाई ने आत्महत्या की थी उसके परिवार को भाजपा के जिलाध्यक्ष ने धमकाया था जिसका ऑडियो भी जारी हुआ था परन्तु दुर्भाग्य है कि आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि परवन सिंचाई योजना की लागत क्यों बढ़ रही है जिसका भी सरकार स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही उक्त योजना का शिलान्यास यूपीए शासन के दौरान हुआ था यदि भाजपा सरकार ने द्वेषता की राजनीति को छोडक़र इसके निर्माण में तत्परता दिखाई होती तो हाड़ौती क्षेत्र के 800 से भी ज्यादा गाँवों के लोगों को सिंचाई व पेयजल हेतु पानी उपलब्ध हो सकता था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राईस स्टेबलाईजेशन फण्ड का उपयोग नहीं किया जिसकी वजह से लहसुन के दाम बेहद कम हो गए और दामों के गिरने से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा कि यूपीए के दस वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसतन 8 से 13 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिवर्ष हुई थी जबकि भाजपा सरकार बनने के बाद गत् तीन सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य में मात्र 1 से 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में सिंचाई की क्षमता में कोई अतिरिक्त बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में काम पूरे नहीं हो रहे है और हाड़ौती क्षेत्र में तो पिछले साल दो प्रतिशत काम ही पूरे हुए है।
पायलट ने कहा कि डाँग विकास क्षेत्र के अन्तर्गत बारां, झालावाड़ में केवल 10 प्रतिशत राशि खर्च हुई है, स्वीकृत 54 करोड़ रुपये में से मात्र 5.5 करोड़ रुपये का ही व्यय किया गया है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के अपने जिले के यह हालात है तो प्रदेश के अन्य जिलों के हालातों का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान न्याय पदयात्रा का उद्देश्य किसानों की सम्पूर्ण ऋण माफी करवाने सहित भाजपा सरकार से उक्त सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण माँगने के साथ ही किसान विरोधी नीतियों का खुलासा कर सरकार पर किसानों के हित में फैसले लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
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