जयपुर । राजस्थान में पिछले तीन सालों के दौरान पुलिस और गौ-तस्करों के बीच 33 बार फायरिंग की घटनाएं हुई थी और एक गौ-तस्कर इस फायरिंग में मारा गया था। राजस्थान विधानसभा में हीरालाल नागर के प्रश्न के जवाब में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि वर्ष 2015 से वर्ष 2017 के बीच गौ-तस्करी के कुल 1113 मामले दर्ज हुए थे। इस दौरान पुलिस ने 16 हजार 428 गौवंश बरामद किया और 2198 गौ-तस्करों को धरदबोचा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस ने इस दौरान 1051 वाहन जब्त भी किये। अभी 931 मामलों में चालान पेश किया जा चुका है, जबकि 122 मामलों में एफआर लग चुकी है। वहीं 60 मामले लंबित है। लेकिन सबसे ज्यादा गौ-तस्करी के मामले अलवर जिले में दर्ज हुए है और अलवर में ही वर्ष 2017 में फायरिंग के दौरान एक गौ-तस्कर की मौत हो गई थी। विधानसभा में पेश जवाब के मुताबिक वर्ष 2015 में अलवर में 160 केस गौ-तस्करी के मामले दर्ज हुए। इस दौरान 909 गौवंश बरामद किया गया, जबकि 160 वाहन जब्त किए गए और गौ-तस्करी के आरोप में 226 लोगों को पकड़ा गया। वहीं वर्ष 2016 में 117 मामले गौ-तस्करी के मामले दर्ज हुए, 1043 गौवंश बरामद हुआ, 117 वाहन जब्त किए गए और 248 लोगों को पकड़ा गया। जबकि वर्ष 2017 में 94 मामले गौ-तस्करी के केस दर्ज हुए, 482 गौवंश बरामद हुआ, 94 वाहन जब्त किए गए और 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इन बीते तीन वर्षों में अलवर में सबसे ज्यादा फायरिंग की घटनाएं हुई और एक गौतस्कर मारा गया ।
कांग्रेस ने वायनाड से प्रियंका गांधी वाड्रा को उतारा
भाजपा सीईसी की बैठक में पीएम मोदी ने झारखंड के उम्मीदवारों को लेकर किया विचार-मंथन
उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर ही होंगे उपचुनाव, सबसे हॉट सीट मिल्कीपुर के लिए करना होगा इंतजार
Daily Horoscope