जयपुर । प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य राजस्थान, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा अक्षय ऊर्जा दोनों ही तरह के ऊर्जा क्षेत्रों में प्रमुख स्थान रखता है। राजस्थान ऑनशोर क्रूड ऑयल उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर और ऑनशोर प्राकृतिक गैस उत्पादन में भी राजस्थान देश में अग्रणी राज्य है। राजस्थान में जहां सौर ऊर्जा उत्पादन का पोटेन्शियल 142 गीगावाट आंका गया है, वहीं पवन ऊर्जा में राजस्थान का पोटेन्शियल 127 गीगावाट से अधिक है। राजस्थान सरकार का वर्तमान कार्यकाल राजस्थान में उद्योगों और निवेश के लिए स्वर्णिम कार्यकाल रहा है। यह सरकार की प्रगतिशील नीतियों एवं व्यवहारिक सोच का परिणाम है कि राजस्थान, कॉर्पोरेट इन्वेस्टमेंट प्राप्त करने में देशभर में दूसरे स्थान पर है। यह बात राजस्थान सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने आज कही। वह जयपुर में आईटीसी राजपूताना में रीको और फिक्की द्वारा राजस्थान में गैस आधारित उद्योगों के लाभ और अवसरों पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं।
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मंत्री शकुंतला रावत ने आगे कहा कि एमएसएमई उद्योगों को प्रारंभिक तीन वर्षों के लिए राज्य स्तरीय स्वीकृतियां प्राप्त करने से मुक्त करना - जिसे अब 5 वर्षों तक बढ़ा दिया गया है, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना, 10 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को अधिक प्रभावी ढंग से फेसिलिटेट करने के लिए वन-स्टॉप शॉप सुविधा जैसी अन्य योजनाएं राज्य में उद्योगों के विकास और निवेश के लिए क्रांतिकारी कदम हैं। उन्होंने वर्तमान में राज्य में चल रही कई परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जिनमें बाड़मेर जिले के पचपदरा में पेट्रोलियम रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स की स्थापना, अत्यधिक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस रिफाइनरी के उत्पादों का वेल्यू एडिशन राज्य में ही हो सके, इसके लिए रिफाइनरी के नजदीक राजस्थान पेट्रो जोन बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि रिफाइनरी और राजस्थान पेट्रो जोन से ना केवल औद्योगिक निवेश बढ़ेगा, बल्कि विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में वाणिज्यिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक आधारभूत सुविधाओं में निवेश भी बढ़ेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य तथा खान एवं पेट्रोलियम, वीनू गुप्ता ने कहा राजस्थान में 80 प्रकार के मिनरल्स हैं। यह भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सेक्टर्स में अग्रणी बन गया है, जो प्राकृतिक गैस भंडार में दूसरे स्थान पर है। हाल में ही जीआईजीएल और गेल के जुड़ने से राज्य में आपूर्ति नेटवर्क की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। सीएनजी की बढ़ती उपलब्धता राज्य में एनर्जी-इन्टेन्सिव इंडस्ट्रीज के लिए अवसर प्रदान करती हैं। ग्लास और सिरेमिक उद्योगों ने प्रगति की है, वहीं राजस्थान में प्रचुर मात्रा में सिलिका सैंड और क्ले के संसाधनों को देखते हुए राज्य में इसकी अपार संभावनाएं हैं। एसीएस ने विभिन्न उद्योगों और निवेशकों, विशेषकर मोरबी और फिरोजाबाद के निवेशकों से राजस्थान में निवेश करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के पास एक स्ट्रैटेजिक लोकेशन है और एक व्यापक रेल और रोड नेटवर्क भी है। हाल ही में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि समिट के दौरान हस्ताक्षरित 4000 एमओयू और एलओआई में से 50% से अधिक पहले ही शुरू हो चुके हैं या शुरू होने की प्रक्रिया में हैं।
रीको के प्रबंध निदेशक, सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस निवेशकों को यह समझने में मदद करेगा कि राजस्थान में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध विविध प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों को ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस का उपयोग करके कैसे अधिक लाभप्रद और मूल्यवर्धित किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि रीको के पास वर्तमान में 408 औद्योगिक क्षेत्र हैं, जो राज्य की लंबाई और चौड़ाई में 50 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर विकसित है। उन्होंने कहा कि रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में अब तक करीब 43 हजार यूनिट्स उत्पादन में हैं।
जीएसपीएल इंडिया गैसनेट लिमिटेड (जीआईजीएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रकाश कार्णिक ने राज्य में जीआईजीएल द्वारा किए गए निवेश से राजस्थान को होने वाले लाभों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि जीआईजीएल राज्य में पाइपलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर में 3,300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जीआईजीएल द्वारा स्थापित राज्यव्यापी गैस ग्रिड 11 से अधिक जिलों में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
गैस मार्केटिंग GAIL (इंडिया) लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक, सुमित किशोर ने बताया कि कैसे यूएस और चीन के बाद भारत प्राइमरी एनर्जी का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, और देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते, राजस्थान कैसे ऊर्जा क्षेत्र की भारी मांग में योगदान देगा। उन्होंने आगे कहा कि गेल (GAIL) ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के माध्यम से जोड़ते हुए, राजस्थान के 900 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर किया है।
इस अवसर पर फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के चेयरमैन, रणधीर विक्रम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सलाहकार, अजय सिंघा ने सत्र का संचालन किया। उद्घाटन सत्र के बाद 'नेचुरल गैस एंड इंडस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: स्टेट्स एंड फ्यूचर प्लॉन बाय सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनीज और इंडस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर बाय रीको' विषय पर प्लैनेरी सेशन आयोजित किया गया। इसके साथ ही, राजस्थान में गैस आधारित उद्योगों के लिए निवेश के अवसरों पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित हुई।
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