जयपुर। शीतकालीन अवकाश के बावजूद आज राजस्थान हाईकोर्ट में सेवारत डाक्टरों के हड़ताल के मुद्दे पर सुनवाई हुई। इसमें हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टरों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। हाई कोर्ट ने सरकार को छूट दी कि वह डॉक्टरों के खिलाफ स्वविवेक से कार्रवाई कर सकती है। सरकार डॉक्टरों पर रेसमा के तहत कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य सरकार ने अपने आवेदन में कहा था कि डॉक्टरों ने 20 दिसंबर से काम पर लौटनपे का वादा किया था। लेकिन अभी भी राज्य में 50 फीसदी डॉक्टर काम पर नहीं आ रहे हैं। सरकार ने मामले में हाई कोर्ट से निर्देशित करने का आग्रह किया था। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि हडताली डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
राजस्थान हाईकोर्ट के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका होगा, जब शीतकालीन अवकाश में हाईकोर्ट खुला और सुनवाई की गई। हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सीजे प्रदीप नंद्राजोग की बैंच ने सुनवाई की। अब मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।
हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद इस मामले में चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने डॉक्टरों से फिर अपील की है कि वे काम पर लौट आएं। अब भी वे अगर काम पर नहीं लौटते तो सरकार को मजबूरन उन पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। इसके तहत उनकी गिरफ्तार की जाएगी। सेवामुक्त भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें मानी जा चुकी हैं। अब डॉक्टरों को काम पर लौट आना चाहिए। आगे की कार्रवाई के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।
केजरीवाल के जेल में मीठा खाने पर मनोज तिवारी का तंज, तिहाड़ से डासना जेल शिफ्ट करने की मांग
पाकिस्तान भूखों मर रहा, भारत 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहा- सीएम योगी
रामनवमी पर मुर्शिदाबाद में हुई झड़प के लिए ममता ने चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार
Daily Horoscope