जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पशुपालक राज्य के आर्थिक विकास की अहम कड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न
योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी का परिणाम है कि राजस्थान पूरे देश में
सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है। पूरे देश के 15.05 प्रतिशत दूध का उत्पादन
राजस्थान में हो रहा है।
गहलोत बुधवार को राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे
थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों को प्रतिवर्ष सम्मानित कर रही है। इस
पहल से पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है। राज्य में अधिकतर किसान
पशुपालन का कार्य करते हैं और इसमें महिला शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
किसानों के लिए अलग से बजट पेश करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। अब अन्य राज्य
भी इस पहल का अनुकरण कर रहे हैं।
राज्य सरकार दे रही पशुपालन को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। एक
हजार 189
ग्राम पंचायतों में नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा 4 नये पशु चिकित्सालय खोले गए
हैं। 2639
ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोलने की घोषणा की जा चुकी है। इससे
पशुओं को स्थानीय स्तर पर ही उपचार सुनिश्चित हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा
पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा
है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में
पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लंपी रोग से दुधारू पशु की मृत्यु पर
पशुपालकों को प्रति गाय 40 हजार रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है।
पशुपालकों के 2 दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा जिससे दुधारू पशुओं की
असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल सकेगा।
गौशालाओं को 9 महीने अनुदान देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य
गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को 9 महीने अनुदान देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है।
अब तक 2313 करोड़ रुपए का अनुदान गौशालाओं को दिया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा
नंदीशालाओं तथा गौशालाओं में अपाहिज गौवंश को 12 महीने अनुदान दिए जाने का
प्रावधान किया गया है। गौशाला खोलने के लिए राज्य सरकार द्वारा 1 करोड़ रुपए तक का अनुदान
दिया जा रहा है।
आवासीय प्रशिक्षणार्थी भवन का लोकार्पण
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य पशुधन प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान में आवासीय
प्रशिक्षणार्थी आवास भवन का लोकार्पण किया। नवनिर्मित प्रशिक्षणार्थी आवासीय भवन
में 27
वातानुकूलित कमरे, 2 सुईट, डाइनिंग हॉल, बैडमिंटन कोर्ट, बैठक कक्ष और वाई-फाई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे 60 प्रशिक्षणार्थियों को उच्च
स्तरीय आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भवन का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 6.11 करोड़ रुपये की लागत से
किया गया है। संस्थान द्वारा अब तक 25 हजार प्रशिक्षणार्थियों को पशुधन प्रबंधन एवं
प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से किया लोकार्पण
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 12 करोड़ रुपए की लागत से बने टोंक दुग्ध उत्पादक संघ के नए
डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया। मालपुरा में नवीन
संयंत्र शुरू होने से टोंक जिले के लगभग 20 से 25 हजार अतिरिक्त पशुपालकों को लाभ
मिलेगा। इससे आमजन को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता के दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे
तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इस अत्याधुनिक संयंत्र की स्थापना से डेयरी
उत्पादों की उत्पादन लागत में कमी आएगी तथा उपभोक्ताओं को उचित दर पर दुग्ध उत्पाद
उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन सम्मान योजना की निर्देशिका का
विमोचन किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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