जयपुर । प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां पर बस्ते के बोझ को कम करने की पहल की गयी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत जयपुर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए राज्य के सभी 33 जिलों के एक-एक स्कूल में बस्ते के बोझ को कम करने के प्रयास के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि बस्ते के बोझ को कम करने के आए परिणामों की समीक्षा की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि अगले वर्ष कक्षा एक से पांच तक के अंतर्गत राज्य के 65 हजार विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने की परियोजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डोटासरा सोमवार को शिक्षा संकुल में प्री-प्राइमरी से माध्यमिक स्तर तक के छात्रों के लिए शिक्षा में सुधार और देश में स्कूली शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए किए जा रहे कार्यों और पीरामल फाउण्डेशन द्वारा उन्हें बस्ते का बोझ कम करने की रिपोर्ट के लोकार्पण मौके पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर झुंझुनूं जिले को ‘इनोवेशन हब फॉर एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन‘ के रूप में विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग एवं पीरामल फाउण्डेशन के मध्य एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गये।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का प्रसार सभी स्तरों पर जरूरी है। इसमे ंसरकार के साथ-साथ निजी संस्थाओं की भी महत्ती भागीदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में किया दान सर्वश्रेष्ठ होता है और निजी संस्थाओं को चाहिए कि वे गुण्वत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार में सरकार का सहयोग करें। उन्होेंने इस संबंध में पीरामल फाउण्डेशन द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों में भागीदारी की सराहना भी की। उन्होने बताया कि झुंझुनूं को भारत में ‘पीआईएसए‘ (प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट) के लिए तैयार रहने वाला पहला जिला बनाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने मॉडल के रूप में रखा है। इसके तहत छात्रों को सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से सक्षम बनाने के लिए एक अत्याधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने का प्रयास राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झुन्झुनू जिले से करेगी।
डोटासरा ने कहा कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान सरकार शिक्षा के मानकों में सुधार के लिए निंरन्तर कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि पिछले एक वर्ष में राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जहां महत्ती प्रयास किए गए हैं वहीं राजीव गॉंधी करियर पोर्टल की शुरूआत की गयी है। विद्यालय कक्षा कक्ष निर्माण के लिए पहली बार 1581 करोड़ का प्रावधान कर पहल की गयी है। उन्होनें कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी किया जाए।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ और राज्य परियोजना निदेशक अभिषेक भगोतिया ने स्कूल शिक्षा में हो रहे नवाचारों के साथ ही बस्ते का बोझ कम किए जाने के संबंध में हुए कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर पीरामल फाउण्डेशन की साझेदारी से एक नए युग की शुरुआत हुई है। इससे झुंझुनूं को प्रारंभिक शिक्षा, सामाजिक भावनात्मक शिक्षा, उद्यमिता से संबंधित शिक्षा और समग्र बाल विकास में वैश्विक मानकों के कई नए तरीकों को लागू करने में मदद मिलेगी।
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