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जयपुर। राजस्थान इस बार भी दीपावली के अवसर पर अनोखी चमक और उल्लास से सजा हुआ है। चाहे जयपुर हो, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर या अजमेर—हर शहर, कस्बा और गांव अपनी परंपराओं और आस्था के साथ इस पर्व का स्वागत कर रहा है। राजस्थान के ऐतिहासिक बाजारों, भव्य किलों, रंगीन गलियों और प्राचीन मंदिरों ने दीपावली पर एक विशेष चमक ओढ़ रखी है।
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धनतेरस पर खरीदारी का जादू
धनतेरस पर हर शहर के बाजारों में रौनक और उल्लास देखते ही बनता है। जयपुर के जौहरी बाजार से लेकर जोधपुर के घंटाघर, उदयपुर के बापू बाजार, अजमेर के दरगाह बाजार और बीकानेर के कोटगेट बाजार तक हर जगह लोग सोने-चांदी के आभूषण, पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक वस्त्रों और घर सजाने के सामान की खरीदारी में लगे हैं। दुकानों पर लटकती रौशनी, और हर तरफ से उठती खरीदारी की आवाजें त्योहार के उत्साह में चार चांद लगा रही हैं।
रूप चौदस पर राजस्थान के श्रृंगार का दिन
रूप चौदस का यह दिन, जिसे अक्सर रूप चौदस भी कहा जाता है, महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। जयपुर के बापू बाजार, जोधपुर की सोजती गेट, उदयपुर के हाथीपोल और बीकानेर के रानी बाजार में महिलाओं का उत्साह देखने को मिलता है। पारंपरिक श्रृंगार सामग्री जैसे इत्र, काजल, चूड़ियां और महकते इत्र की दुकानें इस दिन खासी भीड़ से घिरी होती हैं। राजस्थान के सभी शहरों में इस दिन का अपना एक अलग ही रंग और सौंदर्य देखने को मिलता है।
दीपावली की जगमगाहट : राजस्थान का स्वर्णिम सौंदर्य
दीपावली की संध्या पर राजस्थान का हर शहर रोशनी में नहाया हुआ है। जयपुर की ऐतिहासिक इमारतें, उदयपुर के झील किनारे बसे घाट, जोधपुर के किले, अजमेर की दरगाह, बीकानेर का जूनागढ़ और जैसलमेर के हवेलियां दीयों और झिलमिलाती रोशनी से जगमगा रही हैं। बड़ी चोपड़ से लेकर उदयपुर की पिछोला झील तक, हर जगह दीपावली का उल्लास देखते ही बनता है।
मंदिरों में भव्य सजावट और आध्यात्मिक माहौल
राजस्थान के प्रमुख मंदिरों—गोविंद देवजी, करणी माता मंदिर, एकलिंग जी, मेवाड़ के जगदीश मंदिर और बीकानेर के लक्ष्मीनाथ मंदिर में दीपावली पर भव्य सजावट की गई है। जलते दीपकों की कतारें, रंग-बिरंगे फूलों की मालाएं और भक्तों की भीड़ से वातावरण में आध्यात्मिकता का संचार हो रहा है।
हर जिले में उत्सव का एक नया रंग
दीपावली का यह पर्व राजस्थान के लोगों के दिलों में गहराई से बसा है। हर जिले में परंपरा, सौंदर्य और आस्था का यह उत्सव अपने विशिष्ट अंदाज में मनाया जा रहा है। एक ओर जहां जयपुर, जोधपुर और उदयपुर की रौनक पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है, वहीं छोटे कस्बों और गांवों में लोग अपनी मिट्टी से जुड़े इस पर्व को उत्साहपूर्वक मना रहे हैं।
राजस्थान की यह दीपावली: परंपरा और उल्लास का संगम
धनतेरस पर हर परिवार की खरीदारी, रूप चौदस पर हर स्त्री का श्रृंगार, और दीपावली की जगमगाहट में हर घर का रोशन होना राजस्थान की इस मिट्टी का अनोखा एहसास कराता है। चाहे शहर के आलीशान बाजार हों या गांवों की गलियां, हर जगह दीपावली का उल्लास और परंपराओं का रंग दिखाई देता है। इस बार की दीपावली पूरे राजस्थान को न सिर्फ रोशनी में नहला रही है, बल्कि एकता और आस्था का दीप जलाकर हर दिल में अपनी जगह बना रही है।
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