नई दिल्ली। राजस्थान में पंचायत चुनाव में हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए खतरे की घंटी बजने लगी थी, लेकिन अभी घोषित शहरी स्थानीय चुनाव नतीजों में कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देकर भगवा पार्टी के गढ़ रहे शहरी इलाकों में अपनी पैठ बना ली। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 620 सीटें जीतीं, भाजपा ने 548 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने शहरी स्थानीय निकायों में कुल 1,775 पार्षद/सदस्यों के पदों में से 595 पर जीत हासिल की। परिणाम रविवार को घोषित किए गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस अब पंचायत चुनाव में हार की भरपाई करने और अध्यक्ष पद के लिए अधिकतम सीटें जीतने की कोशिश कर रही है। पार्टी को 21 दिसंबर को होने वाले चुनाव के साथ फिर से परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
मगन गहलोत ने कांग्रेस पार्टी पर विश्वास रखने के लिए कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार जताया।
गहलोत ने पंचायत चुनाव में पार्टी को हुए नुकसान के लिए कोविड-19 को दोषी ठहराते हुए कहा था कि नतीजे कांग्रेस की उम्मीदों के अनुसार नहीं थे।
लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि हालांकि शहरी चुनाव परिणामों से ग्रामीण चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पाएगी, लेकिन इसने दो मोर्चो पर लड़ रहे मुख्यमंत्री को राहत दी है। आंतरिक विद्रोह और भाजपा के हमले के बीच गहलोत अपनी सरकार को खींचने की कोशिश कर रहे हैं। (आईएएनएस)
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope